योगी आदित्यनाथ ने हनुमानगढ़ी में किए दर्शन, महंत हेमन्त दास ने कराया पूजन

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या । धर्मनगरी अयोध्या में आध्यात्मिक और राजनीतिक जगत का एक मनमोहक संगम देखने को मिला, जब उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठाधीश्वर, महंत योगी आदित्यनाथ महाराज ने आज हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किए। इस अवसर पर हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी, महंत हेमन्त दास महाराज, स्वयं मुख्यमंत्री जी को मंदिर के दर्शन कराते हुए और पूजा विधि में उनका मार्गदर्शन करते हुए दिखाई दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या दौरा सदैव ही विशेष महत्व रखता है, और आज का हनुमानगढ़ी में उनका आगमन आस्था और सम्मान का प्रतीक बन गया। जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला हनुमानगढ़ी पहुंचा, उन्हें देखने और उनकी एक झलक पाने के लिए भक्तों और स्थानीय निवासियों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, लेकिन लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही, महंत हेमन्त दास महाराज ने स्वयं मुख्यमंत्री का स्वागत किया। दोनों ही पूज्य हस्तियों के बीच आत्मीयता और सम्मान का भाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। महंत हेमन्त दास महाराज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हनुमानगढ़ी के महत्व, उसके इतिहास और यहां की प्रचलित मान्यताओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़े ही श्रद्धा भाव से भगवान हनुमान के दर्शन किए और विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया। इस दौरान महंत हेमन्त दास महाराज लगातार उनके साथ रहे, पूजा सामग्री अर्पित करने से लेकर मंत्रोच्चार तक में उनका सहयोग करते रहे। मुख्यमंत्री ने हनुमान जी को चोला चढ़ाया और आरती में शामिल हुए।
दर्शन-पूजन के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत हेमन्त दास महाराज से कुछ देर तक बातचीत भी की। माना जा रहा है कि इस दौरान अयोध्या के विकास, मठ-मंदिरों के संरक्षण और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर चर्चा हुई। महंत हेमन्त दास महाराज ने मुख्यमंत्री को मंदिर की ओर से प्रसाद और स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हनुमानगढ़ी आगमन को लेकर हनुमानगढ़ी ट्रस्ट और अयोध्या के संत समाज में भी विशेष उत्साह देखा गया। इस दौरे ने एक बार फिर अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को रेखांकित किया है, जहां सर्वोच्च राजनीतिक पद पर बैठे व्यक्ति भी धर्म के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा को व्यक्त करते हैं। यह घटनाक्रम अयोध्या के आध्यात्मिक महत्व को और भी मजबूत करता है और स्थानीय लोगों के लिए गर्व का विषय बन गया है।