जन जन में नव ज्योति जलाओ – गोपाल त्रिपाठी

अभिनंदन: नव वर्ष

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“2025”

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(1)

जन जन में नव ज्योति जलाओ,

हर मन से उन्माद हटाओ।

प्रेमाम्बुज हिय सर विकसाओ,

कर दो आशा का संचार।

नए वर्ष के नवल प्रभात,

तुम्हारा स्वागत है शतबार।।

(2)

राष्ट्र धर्म से प्रीति इन्हे दो,

कुविचारों से भीति इन्हें दो।

परदुख की अनुभूति इन्हें दो,

जिससे सबका हो उद्धार ।

नए वर्ष के नवल प्रभात,

तुम्हारा स्वागत है शतबार।।

(3)

सेव्यभाव से प्रीति इन्हे दो,

नव उत्साह हृदय में भर दो।

निद्रालस से दूर हटा दो,

करना सीख जांय उपकार।

नए वर्ष के नवल प्रभात,

तुम्हारा स्वागत है शतबार।।

(4)

सदगुण सत्य सूरता आए,

करुणा ,क्षमा ,नम्रता भाए।

लालच स्वार्थ कृपणता जाए,

मृदुवाणी का दें उपहार ।

नए वर्ष के नवल प्रभात,

तुम्हारा स्वागत है शतबार।।

(5)

मानवता का दीप जला दो,

निर्भयता का पाठ पढ़ा दो।

निद्रालस से दूर हटा दो ,

हो जाएं सब परम उदार।

नए वर्ष के नवल प्रभात।

तुम्हारा स्वागत है शत बार।।

(6)

देश प्रेम हर जन छा जाए,

दुखियारों को गले लगाए।

विपत्तियों में भी मुस्कायें,

आए जीवन में नई बहार ।

नए वर्ष के नवल प्रभात,

तुम्हारा स्वागत है शतबार।।

(7)

उल्लास अरुणिमा छाई है,

यह शुभागमन भी भाई है ।

दिशि दिशि ने गीतें गाई हैं,

स्वीकृत हो सबको पुष्पहार।

नए वर्ष के नवल प्रभात।

तुम्हारा स्वागत है शतबार।।

नए वर्ष के स्वागत के साथ-साथ नववर्ष के नवल सुमनोहर सुप्रभात से यह कामना की वह मानव हृदय में आदर्श भावों का दीपक प्रज्वलित कर दे, जिससे सभी का कल्याण हो।

 

गोपाल त्रिपाठी

शांति पुरम

प्रयागराज

9889609950

7905158257