अयोध्या में भारत-नेपाल सांस्कृतिक संगम अहमदाबाद का राजपूत परिवार बना सनातन सेवा का पर्याय

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या । धर्मनगरी अयोध्या इन दिनों एक अनूठे सांस्कृतिक समागम की साक्षी बन रही है, जहाँ नित्य गोपाल दास जी महाराज का जन्मोत्सव भारत और नेपाल की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन उभरा है। इस भव्य और दिव्य आयोजन के केंद्र में है अहमदाबाद का प्रतिष्ठित राजपूत परिवार, जिसने सनातन धर्म की सेवा और सामाजिक समर्पण का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस आयोजन को सफल बनाने में भारत के जाने-माने व्यवसायी और राजपूत परिवार के मुखिया कमलाकर सिंह राजपूत अपने पूरे परिवार के साथ तन-मन-धन से जुटे हुए हैं। कमलाकर सिंह का मानना है कि नित्य गोपाल दास जी महाराज के जन्मोत्सव में सहभागी बनना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। उन्होंने कहा, “इस पुण्य कार्य में योगदान देकर हम खुद को कृतार्थ महसूस कर रहे हैं। यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत और नेपाल की आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है। इस आयोजन में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामकृष्णाचार्य जी महाराज का योग सत्र, जिसमें हजारों भारतीय और नेपाली श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महाराज जी ने योग के लाभ बताते हुए कहा कि योग से 80% बीमारियाँ समाप्त हो जाती हैं और शेष 20% का इलाज औषधियों से संभव है। यह योग सत्र राजपूत परिवार की ओर से समर्पित भाव से आयोजित कराया गया।
राजपूत परिवार की इस सेवा भावना को अयोध्या ही नहीं, नेपाल से आए हजारों श्रद्धालु भी खूब सराह रहे हैं। कमलाकर सिंह के दोनों बेटे, हिम्मत सिंह और अनमोल सिंह, इस धार्मिक कार्यक्रम में कंधे से कंधा मिलाकर सेवा कर रहे हैं। अनमोल सिंह ने कहा, “पिताजी हमारे आदर्श हैं। समाज सेवा और धर्म के प्रति उनका समर्पण हम सबको प्रेरणा देता है। राजपूत परिवार “शिव कृपा मित्र मंडल” नामक संस्था के माध्यम से वर्षों से गरीब कन्याओं के विवाह, निर्धन छात्रों की शिक्षा, भूखों को भोजन और ज़रूरतमंदों की सहायता जैसे कई सामाजिक कार्य करता आ रहा है। यह संस्था अब देशभर में सामाजिक सेवा का पर्याय बनती जा रही है। इससे पहले भी राजपूत परिवार द्वारा धीरेंद्र शास्त्री की भव्य कथा और देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज की शिवपुराण कथा का आयोजन कराया गया था, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं को भोजन और सेवा प्रदान की गई। कमलाकर सिंह राजपूत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हो रहा है। राम मंदिर निर्माण ने अयोध्या को नई चेतना दी है, और इस पुनर्जागरण में उनका परिवार भी गर्व से सहभागी है।
यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं संभाल रहा है, बल्कि भारत और नेपाल के सांस्कृतिक रिश्तों को प्रगाढ़ करने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। अहमदाबाद के इस राजपूत परिवार ने यह प्रमाणित कर दिया है कि जब व्यवसाय, धर्म और समाज सेवा एक साथ चलें, तो समाज को एक नई दिशा मिलती है। अयोध्या में हो रहे इस दिव्य आयोजन के माध्यम से राजपूत परिवार ने भारत-नेपाल की सांस्कृतिक मैत्री को एक नया अध्याय दिया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बन चुका है।