लखनऊ। गुरुवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर माध्यमिक शिक्षकों का दो दिवसीय धरना जोरदार प्रदर्शन के साथ समाप्त हुआ। शिक्षा निदेशक माध्यमिक महेंद्र देव ने धरना स्थल पर आकर 7 सूत्रीय ज्ञापन लिया और नेताओं को आश्वस्त किया कि जो भी समस्याएं हमसे संबंधित है उसका अविलंब निस्तारण कराया जाएगा और जो समस्याएं सरकार से संबधित है उसे आज ही शासन को संदर्भित कर दिया जाएगा। निदेशक की मौजूदगी में नाराज तदर्थ शिक्षकों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और 9 नवम्बर के जारी आदेश को वापस लेने व पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व महामंत्री राम बाबू शास्त्री ने किया।
प्रांतीय संरक्षक व एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल ने कहा कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीति अपना रही है जो घातक होगा। शिक्षक संगठन सरकार के अत्याचार को सहन नही करेगी। पुरानी पेंशन योजना सरकार के गले की फांस बन गई है,इसको लागू करना पड़ेगा। सरकार के गलत नीतियों से तदर्थ शिक्षक, वित्तविहीन शिक्षक सभी परेशान है।
प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि सरकार तदर्थ शिक्षकों की सेवाओं से संबंधित 9 नवम्बर का आदेश हरहाल में वापस ले, नही तो परिणाम गंभीर होंगे। पुरानी पेंशन कर्मचारियों का हक है हम इसे संघर्षों के दम पर वापस लेंगे।
प्रांतीय संयोजक आईटी सेल संजय द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश का जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय रिश्वतखोरी का अड्डा बन गया है जिस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पुलिस थानों की तरह अब शिक्षा विभाग के कार्यालयों में तैनाती की बोली लग रही है। प्रदेश के तदर्थ व वित्तविहीन शिक्षकों की पीड़ा असहनीय हो गई है।सरकार एनपी एस के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराए और दोषी अधिकारी कर्मचारी को जेल भेजे।
धरने की लवकुश मिश्रा, मेजर डा.देवेंद्र सिंह,संजय द्विवेदी, नरसिंह बहादुर सिंह, महेश राम, रामानन्द द्विवेदी, स्वराज पाल दुहण, सुलेखा जैन, महेश चन्द्र यादव,महेश शर्मा, मनोज सिंह, सुधाकर सिंह, अरुण सिंह, सुरेश तिवारी, राजेश सिंह, श्रवण तिवारी, जय प्रकाश सिंह, अजय प्रकाश सिंह, राम प्रकाश सिंह, दिनेश सिंह, अरविंद कुमार, हरिकेश यादव, त्रिभुवन सिंह, राजेश भारद्वाज, जनार्दन सिंह, विनोद मिश्रा, धीरेंद्र प्रताप सिंह ,प्रेम सिंह, रंजीत सिंह, अखिलेश प्रताप सिंह, शैलेश सिंह, डा.राकेश सिंह, राममोहन सिंह, सतीश सिंह, धननंजय सिंह, अमरेंद्र कुमार, राजेश राय,ज्योतिष पांडेय, गिरिजानंद यादव, गुलाब चंद्र मौर्य, राम विलास चौधरी, राणा प्रताप सिंह, सत्येंद्र सिंह, राजेश चौधरी, शशि प्रकाश मिश्रा सहित हजारों लोग उपस्थित थे।
*हमारी प्रमुख मांगे*
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1. माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के परिवार आर्थिक विपन्नता एवं भुखमरी के शिकार हो रहे है। उनकी सेवा समाप्ति पर पुर्नविचार करते हुए विनियमित किया जाय तथा उनका रोका हुआ वेतन तत्काल निर्गत किया जाय। शासन के आदेश दिनांक 09.11. 2023 को वापस लिया जाय ।
2. (क) पुरानी पेंशन (ओ०पी०एस०) बहाल की जाय ।
(ख) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एन०पी०एस० की अधिसूचना 28.03. 2005 को जारी की गयी थी अतः केन्द्र के निर्णय के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार भी 28.03.2005 से पूर्व के विज्ञापनों द्वारा नियुक्त शिक्षक / कर्मचारियों को एन०पी०एस० के स्थान पर ओ०पी०एस० का लाभ दें तथा प्रदेश के सभी जनपदों के एन०पी०एस० खातो की जांच करायी जाय। यदि शिक्षकों एवं कर्मचारियों की धनराशि अन्य कहीं निवेशित की गयी है तो दोषियों को तत्काल दण्डित किया जाय। भविष्य में पूर्ण रूपेण इसे सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाय ।
(ग) विषय विषेशज्ञों की नियुक्ति का विज्ञापन 2002 के पूर्व का है अतः इनकी भी सूचना प्राप्त कर इन्हें ओ०पी०एस० में लिया जाय ।
(घ) विद्यालय लेजर तथा प्रत्येक शिक्षक / कर्मचारी की एन०पी०एस० पुस्तिका पूरित कराकर सत्यापन तत्काल कराया जाय। प्रमाणित कर शिक्षक / कर्मचारी को उपलब्ध कराया जाय ।
3. उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग 2023 की सेवा शर्त में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा की धाराएं (उ०प्र०माध्यमिक शिक्षा के 1921 के अधिनियम तथा माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड / आयोग नियमावली 1981 एंव संशोधित नियमावली 1998) पूर्व की भांति यथावत रखी जाय ।
4. सरकारी कर्मचारियों की भांति माध्यमिक शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाय।
5. तत्कालीन शिक्षा मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री मा0 दिनेश शर्मा जी द्वारा व 2019 में वित्तविहीन शिक्षकों को रू0 15000 / मानदेय एवं उन सेवा नियमावली शीघ्र तैयार करने का आश्वासन दिया था। आश्वास पूर्ण किया जाय ।
6. व्यवसायिक शिक्षकों का मानदेय उनके बैंक खाते में भेजने की व्यव की जाय तथा उनकी लम्बी सेवा को ध्यान में रखकर उन्हें शिक्ष पदों पर समायोजित करने की व्यवस्था की जाय ।
7. वेतन, परीक्षा एवं मूल्यांकन अवशेषों का भुगतान कराया जाय ।