रिपोर्ट जितेन्द्र पाठक संतकबीरनगर
संतकबीरनगर। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत खलीलाबाद के एचआर इंटर कॉलेज में भाजपा की ओर से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने हिस्सा लिया। इस दौरान जल शक्ति मंत्री ने 14 अगस्त 1947 को देश के बंटवारे के दौरान विस्थापन का दर्द झेलने वाले लोगों की याद में लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि विभाजन विविश का स्मृति दिवस उन भारतवर्षीय को श्रद्धा पूर्वक याद करने का समय है जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। यह दिन उन लोगों के दुख और संघर्ष को भी याद दिलाता है जिन्होंने विस्थापन का दंश झेला है। मंत्री ने कहा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों भाइयों और बहनों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। इन्हीं के संघर्षों और बलिदान को याद कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन विभिस का स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है यह दिन हमें जात-पात का भेदभाव और वैमनस्य से वह दुर्भावना की जहर को खत्म करने के लिए ने केवल प्रोत्साहित करेगा बल्कि इससे देश में एकता सामाजिक सद्भावना और मानवीय संवेदनाओं को मजबूती प्रदान करेगा। सांसद प्रवीण निषाद ने कहा कि भारत के भौगोलिक बंटवारे ने देश के लोगों को सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया था ऐसे में इस त्रासदी में प्राण कमाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देकर विभाजन विभिस का स्मृति दिवस के आयोजन के जरिए भेदभाव और मनमुटाव को खत्म कर सामाजिक सद्भाव व एकता की भावना को आगे बढ़ने का कार्य है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री की सोच की जितनी भी सराहना की जाए वह बहुत ही कम है क्योंकि 1947 में देश ने आजादी पाई थी मगर देश को दो टुकड़ों में बांटे जाने का जख्म भी झेलना पड़ा था। भारत से कटकर पाकिस्तान नया देश बना था। देश की बंटवारे के दर्द को कभी बुलाया नहीं जा सकता नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक जवानी पड़ी।
सदर विधायक अंकुर राज तिवारी ने कहा कि 1947 में देश की आजादी के पूर्व ऐसे लोग बलि चढ़ गए थे जिनका कोई कसर नहीं था जिनका कोई दोष नहीं था और उनको यह समझ नहीं था कि उनके साथ क्या होने वाला है ऐसे लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा की ओर से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि हर साल 14 अगस्त 1947 को विभाजन दिवस का स्मृति दिवस मनाया जाएगा । इस कार्यक्रम को मनाने की घोषणा के पीछे उद्देश्य यह था कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ी विभाजन के दौरान लोगों द्वारा झेल गए दर्द और पीड़ा को जान सके देखा जाए तो विभाजन विधि का स्मृति दिवस हमें जात-पात व वैमनस्य के जहर को खत्म करने के लिए है। मेंहदावल विधायक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि जिस प्रकार से हम लोगों को गुलामी की जंजीरों से आजादी मिली है उसके पूर्व में विभाजन का जो दर्द है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। विभाजन वास्तव में ऐसा अनुचित विभाजन है जिस पीड़ा को आज हम लोग महसूस कर रहे हैं। विभाजन के कारण ही हमारे अखंड भारत का विभाजन हुआ था और आज वह आतंकवाद और अंतर कलह से जूझ रहा है। धनघटा विधायक गणेश चंद चौहान ने कहा कि आज का यह स्मृति दिवस हम लोगों को याद दिलाता है कि जिस भारत को आजाद करने के लिए लोगों ने अपने प्राणों की बलि दे दी लेकिन 14 अगस्त 1947 को देश को जिस प्रकार से बांटने का कार्य किया गया वह बहुत ही पीड़ा दायक है। इस दौरान जिला अध्यक्ष जगदंबा लाल श्रीवास्तव और पूर्व सांसद इंद्रजीत मिश्र ने भी सभा को संबोधित किया। सभा का समापन पूर्व सांसद अष्टभुजा शुक्ल ने अपने संबोधन से समाप्त किया। इससे पूर्व बैंक चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर मौन जुलूस निकाला। जुलूस शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए हीरालाल इंटर कॉलेज में पहुंचकर समाप्त हुआ। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष अमर राय, ज्ञानेंद्र मिश्रा, जिला मंत्री हैप्पी राय गणेश पांडे, सांसद प्रतिनिधि आनंद त्रिपाठी, पूर्व जिलाध्यक्ष राम ललित चौधरी, जिला अध्यक्ष बद्री प्रसाद यादव, जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा विजय बहादुर सिंह, सेतबान राय, अमित श्रीवास्तव श्याम करण सिंह, धनंजय पांडे ब्रह्मानंद पांडे, बनार्जी लाल समेत भारी संख्या में मौजूद रहे।