इंडियन डायमंड डिग्निटी अवार्ड– 24 के लिए चयनित हुए कवि डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

अंबेडकरनगर । मेरी मंज़िल का पता कब तक पूछा करोगे तुम । मंज़िल मिलेगी तो मैं खुद ही बता दूंगा तुमको ।। चर्चित कवि व मंच संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु का यह शेर व्यक्ति के आत्म विश्वास और उसके संघर्ष को बयां करता है । पेशे से परिषदीय शिक्षक डॉ० जिज्ञासु आज किसी परिचय के मोहताज नहीं । कवि सम्मेलन / मुशायरे का मंच हो या फिर कोई महोत्सव , खेलकूद का मैदान हो या स्टेडियम , विद्यालय का वार्षिकोत्सव हो या पुलिस लाइन का गणतंत्र दिवस परेड हर ऐसी जगह पर शेरो–शायरी के लहजे में खनकती हुई आवाज सुनाई पड़ती है । वह आवाज हुआ करती है कुशल मंच संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु की । अब तक जिज्ञासु के दर्जनों काव्य संग्रह जिसमे व्यक्तिगत और साझा काव्य संग्रह शामिल है , प्रकाशित हो चुके हैं । कई प्रतिष्ठित सामाजिक , साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा जिज्ञासु को सम्मान एवं प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं । हाल ही में हिंदुस्तान की जानी-मानी संस्था भव्या फाउंडेशन एवं भव्या इंटरनेशनल की डायरेक्टर डॉ० निशा माथुर / फाउंडर शैलेंद्र माथुर द्वारा जिज्ञासु के शैक्षिक एवं साहित्यिक योगदान हेतु इंडियन डायमंड डिग्निटी अवार्ड– 24 की सूची में जिज्ञासु के चयन की सूचना प्राप्त हुई । जिज्ञासु को आगामी सितंबर महीने में जयपुर के आयोजन में सम्मानित किया जाएगा ।

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