बरसाती आंधी तूफान के बीच फंसी आर्थिक नगरी मुंबई, साकी नाका और विक्रोली में ज़मीन धसने से बिल्डिंगें ध्वस्त, मस्जिद बंदर स्टेशन पूरी तरह पानी में डूबा,,,,,

अनुराग लक्ष्य, 19 अगस्त

सलीम बस्तवी अज़ीज़ी

मुम्बई संवाददाता ।

आज मुंबई वासियों की जो हालत है उसे अब लफ़्ज़ कम पड़ने लगे हैं। पहले हम बात करेंगे मुंब्रा की जो इस वक्त ठीक से पहचानने में नहीं आ रहा है। पानी का सैलाब रिहायशी इलाकों में इस तरह फैल चुका है जैसे लगता है कि बहुत बड़े तालाब में हम आ चुके हैं।

इसी तरह मुंबई वासियों की खास जगह अंधेरी जहां फिल्मी दुनिया से संबंधित लोग ही रहते हैं। हालात बदतर हो चुके हैं। बेस्ट बसों से लेकर लोकल ट्रेनों का सफर भी दूभर हो गया है।

नवी मुंबई की बात करें तो सब्ज़ी मंडी पूरी तरह पानी पानी हो चुकी है। सब्ज़ी मंडी के व्यापारियों के लिए बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सब्ज़ियों के आयात निर्यात पर भरी क्षति हुई है ।

इसी तरह साकी नाका की बिगड़ते हालात पर चिन्ता जताई जा रही है। ज़मीन धसने की वजह से जिस तरह विक्रोली में बिल्डिंग गिरने से दो व्यक्तियों की मौत हुईं थी उसी तरह साकी नाका में भी बड़ा हादसा हुआ, जिसमें पूरी बिल्डिंग ध्वस्त हो गई। पूरा साकी नाका एक तालाब और नदी में तब्दील हो चुका है।

कुर्ला के बिगड़ते हालात के साथ दादर, कोलीवाड़ा सायन , बांद्रा सहित मस्जिद बंदर स्टेशन की हालत कुछ ज़्यादा ही चिंता जनक है। पूरा मस्जिद स्टेशन पानी से लबरेज़ है। ट्रेनें रेंगती हुई दिखाई दीं।

नाला सुपाड़ा, वसई बोरीवली सहित थाना ज़िला भी सैलाब में तब्दील हो चुका है। स्कूल बंद हो चुके हैं। छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। एलर्ट जारी कर दिया गया है कि बहुत आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकलें।

बीएमसी भी लाचार दिखाई दे रही है। बढ़ते पानी के सैलाब को लेकर चिन्ता तो जता रही है लेकिन समाधान दूर दूर तक कहीं नहीं दिख रहा है। समाचार लिखते समय तक मुंबई वासियों की स्वतंत्रता में पानी बहुत बड़ी समस्या बनकर पहाड़ की मानिंद खड़ी है। जिसका अभी तो कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है।