*बिहार/समस्तीपुर*- *मोरवा विधानसभा (135) के तमाम जनता को पूर्वानुमान था कि जन सुराज पार्टी मोरवा विधानसभा (135) क्षेत्र से भावी विधायक पद प्रत्याशी के रूप में श्री जय कृष्ण राय जी का टिकट मिलना तय था पर पैसा प्रलोभन के कारण उन्हें टिकट न मिल सका। टिकट बिक चुकी एवं मोरवा विधानसभा (135) से भावी प्रत्याशी विधायक का नाम डॉ. जागृति ठाकुर की घोषणा जन सुराज पार्टी के संस्थापक श्री प्रशांत किशोर ने की*।
*पूर्व में भी, जदयू पार्टी व बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के काफ़ी करीबी, चहेते व सहयोगी रह चुके एवं मोरवा विधानसभा (135) क्षेत्र के भूतपूर्व जदयू विधायक श्री विद्यासागर सिंह निषाद जी के साथ सहयोगी बनकर व क़दम मिलाकर चलने के बाद भी जदयू ने उन्हें धोखा दिया। श्री नीतीश कुमार जी मोरवा विधानसभा (135) से भावी विधायक प्रत्याशी के रूप में मोरवा से उन्हें टिकट नहीं दी*।
*काफ़ी वर्षों बाद एक बार पुनः बिहार की नयी पार्टी जन सुराज पार्टी के संस्थापक व प्रणेता श्री प्रशांत किशोर व मोरवा के जनता के विशेष आग्रह पर वे पुनः राजनीतिक में क़दम बढ़ाए और प्रशांत किशोर का हाथ थामा, जन सुराज का साथ देकर दिन-रात प्रतिदिन जन सुराज पार्टी के लिए कार्य किया व नयी पार्टी जन सुराज को मोरवा में एक अच्छी पहचान दिलाई जिसका मुख्य श्रेय सिर्फ श्री जय कृष्ण राय को जाना जाता है*।
*जन सुराज पार्टी के लिए इतना अतुलनीय योगदान देने के बावजूद भी टिकट न मिली और जन सुराज पार्टी ने एक बार पुनः धोखा दिया*।
*ज्ञातव्य हो कि मोरवा विधानसभा (135) क्षेत्र के श्री जय कृष्ण राय एक उम्रदराज व काफ़ी अनुभवी नेता व समाजसेवी हैं। ये बहुत ही ईमानदार, कर्मठ, सुशील, मृदुभाषी, गंभीर, अल्प बोलने वाले, सार्थक बोलने वाले, संस्कारी, स्वाभिमानी, सहयोगी नेक इंसान हैं*।
*ये भले और नेक इंसान अपने समाज और मोरवा के जनता के लिए आख़िर क्या नहीं किया ? न कोई राजनीतिक पार्टी इन्हें आजतक सही से समझ सका और न ही जनता*।
*एक ईमानदार नेता व समाजसेवी होने के कारण इन्होंने आजीवन नि:स्वार्थ भाव से जनता की सेवा की। अक़्सर बिना खाए-पिए एक पैर पर खड़ा रहकर ग़रीबों व लाचारों को सेवा की। हमेशा उनके सुख-दुख में साथ दिया।आज़ उन्हें जब अधिकार व हक़ लेने की बातें आईं तो जन सुराज पार्टी ने मुंह मोड़ लिया और अपना अंगूठा दिखा दिया*।
*मोरवा के जनता का श्री जय कृष्ण राय के बारे में कहते हैं, ” एक उम्रदराज नेता में इतनी ईमानदारी, कर्मठता, मृदुभाषी, गंभीरता, दूरदर्शिता वाले चेहरा व व्यक्ति मैंने आजतक कभी नहीं देखा। घमंड क्या होती है ? उनके चेहरे व सदैव होंठों पे मुस्कान को देखकर हृदय व मन ख़ुशी से झूम उठता*! ”
*इस घटना को लेकर जन सुराज पार्टी के संस्थापक श्री प्रशांत किशोर के नाम से क्षेत्रों में काफ़ी आक्रोश है साथ ही उन पर आरोप लगाते हुए कहा, ” वे पैसा पर बिक गये। जिन्होंने समाज में अतुलनीय योगदान दिया और जन सुराज पार्टी के लिए कार्य किया उन्हें टिकट नहीं दिया गया। जो बिल्कुल नये चेहरे थे उन्हें ही अधिक पैसों के प्रलोभन में अपनी पार्टी से टिकट दिया गया*। ”
*संवाददाता- प्रकाश राय*
*मोरवा, समस्तीपुर, बिहार*