बस्ती 28 जुलाई शुक्रवार को उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ का जोन और मण्डल सम्मेलन मुख्य अभियन्ता कार्यालय के निकट स्थित एक मैरेज हाल में सम्पन्न हुआ। मुख्य वक्ता का. महेन्द्रराय ने कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार ने बिजली विभाग के संसाधन अपने चहेतों के हवाले कर दिया है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने जब अपना हक मांगा तो समझौते के बावजूद उन पर मुकदमें चलाये गये, वेतन रोकने, वेतन काट लेने के साथ ही उत्पीड़न किया गया। उन्होने सभी संगठनों का आवाहन किया कि बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारी अपने अधिकारों के लिये संघर्ष की धार तेज करना वरना सरकार पूरी तरह से बिजली विभाग को ही चहेतेे उद्योगपतियोें के हाथ बेंच देगी। इससे बिजली मंहगी होगी और समाज का सभी वर्ग प्रभावित होगा। मण्डल सम्मेलन में संविदा कर्मियों का मुद्दा गूंजा और प्रस्ताव पारित किया गया कि निकाले गये संविदा कर्मियों को वापस लेने के साथ ही नियमित कर्मचारियों के कटे हुये वेतन का पैसा दिलाया जाय।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में पदाधिकारियोें का चयन चुनाव अधिकारी के.एस. रावत की देख रेख में सम्पन्न हुआ। सर्व सम्मत से का. अशर्फीलाल पुनः जोन के अध्यक्ष घोषित किये गये। इसी क्रम में मसूद आलम कार्यवाहक अध्यक्ष, प्रेम प्रकाश वरूण उपाध्यक्ष, खेसाल अहमद मंत्री, विजय कुमार चौधरी उप मंत्री, राहुल गौतम कोषाध्यक्ष चुने गये। मण्डल पदाधिकारियों में सुधीर सिंह अध्यक्ष, सूर्य प्रकाश कार्यवाहक अध्यक्ष, अशोक कुमार मिश्र उपाध्यक्ष, राम कुमार मौर्य मंत्री, रमेश चन्द्र यादव उप मंत्री और रामकृष्ण यादव कोषाध्यक्ष घोषित किये गये।
मण्डलीय सम्मेलन को जेई संगठन को ए.के. उपाध्याय, सालिगराम चौधरी, मेहीलाल चौधरी, आर.के. वर्मा, आदि ने सम्बोधित करते हुये जमीनी मुद्दे उठाये और हक हकूक के लिये एकजुटता पर जोर दिया। जोन अध्यक्ष का. अशर्फीलाल ने सम्मेलन में आये विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियोें के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि विपरीत समय में हमें संघर्ष जारी रखना होगा। सम्मेलन में बड़ी संख्या में बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीर नगर के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।