अंबेडकर नगर।उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में राम सुलीन सिंह, जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार दिनांक 12.03.2025 को जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में बन्दियों को विभिन्न कानूनों, धाराओं के अंतर्गत रिहाई के बारे में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क विधिक सेवाओं के बारे में तथा बी०एन०एस०एस० की धारा 497 के विषय में जागरूक किये जाने हेतु विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया एवं अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर में उपस्थित बन्दियों को उनके कानूनी अधिकारों, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली निःशुल्क विधिक सेवाओं एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कारागार में निरूद्ध बन्दियों के हितार्थ चलायी जाने वाली योजनाओं एवं नये कानूनों के विषय में विस्तारपूवर्क जानकारी दी गई अपर जिला जज / सचिव द्वारा बताया गया कि निःशुल्क विधिक सहायता एवं निःशुल्क अधिवक्ता का अधिकार प्रत्येक बन्दी को है एवं वे इस सम्बन्ध में अपना प्रार्थना पत्र जिला कारागार अम्बेडकरनगर में नियुक्त पी०एल०वी से तैयार करवाते हुये तथा जेल अधीक्षक के माध्यम से कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रेषित करवा सकते हैं। इस विधिक साक्षरता शिविर में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, संतोष कुमार, जेलर, सूर्यमान सरोज, डिप्टी जेलर, तेजवीर सिंह, डिप्टी जेलर, जि०वि०से०प्रा० के कर्मचारी, पी०एल०वी व कारागार के कर्मचारी एवं बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर के दौरान भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार का निरीक्षण भी किया गया।
कारागार निरीक्षण के दौरान अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा जेल अधीक्षक को कारागार परिसर की साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने हेतु निर्देशित किया गया एवं बन्दियों को आवश्यकतानुसार चिकित्सीय उपचार भी उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया सचिव महोदय द्वारा बन्दियों से वार्ता कर उनकी समस्याओं को सुना गया गया तथा आवश्यक निराकरण का आश्वासन दिया गया। अपर जिला जज / सचिव द्वारा जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि यदि किसी भी बन्दी को निःशुल्क विधिक सहायता अथवा अधिवक्ता की आवश्यकता है तो उसका प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में प्रेषित करवायें तथा यदि कोई बन्दी जमानत के पश्चात् भी रिहा नहीं हो पा रहा है जो उसकी भी सूचना जि०वि० से० प्रा० कार्यालय में प्रेषित करवायें जिससे उसकी रिहाई हेतु प्रभावी पैरवी करवाते हुये बन्दी को रिहा करवाने का प्रयास किया जा सके।