-
नई दिल्ली , 16जुलाई राजधानी दिल्ली में बाढ़ के पानी के वजह से पूरे बहुत सारे कॉलोनियों में पानी घुस जाने की वजह से परेशानी हो रही है और इसको लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप खूब चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया और सांसद प्रवेश सिंह वर्मा ने आम आदमी पार्टी दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप इधर-उधर की बात न कीजिये, ये बताइये कि पिछले 9 साल में यमुना को साफ़ करने के लिए जो 6,800ष्ह्म् रुपए खर्च हुए, उसमें आपने यमुना में डीसिल्टिंग का काम क्यों नहीं कराया। गौरव भाटिया और दिल्ली से सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और दिल्ली में बाढ़ को लेकर अरविंद केजरीवाल की सरकार पर करारा हमला करते हुए उसे निकम्मी सरकार करार दिया। भाटिया ने कहा कि जैसा कि सर्वविदित है, इस बार जोरदार बारिश हुई और दिल्ली भी बारिश की चपेट में आई। यहाँ के नागरिकों को असुविधा हो रही है, पानी जगह-जगह भरा हुआ है। हमने देखा कि किस तरह केंद्र सरकार, भारतीय सेना, एलजी दफ्तर और एनडीआरएफ की टीम दिन-रात दिल्ली की जनता की सेवा में लगी हुई है। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ की 18 टीमें जगह-जगह दिल्ली के नागरिकों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। भारतीय सेना वह काम कर रही है जो दिल्ली की सरकार को करना चाहिए था, मैं भारतीय जनता पार्टी की ओर से इंडियन आर्मी और एनडीआरएफ की टीम को धन्यवाद करना चाहूंगा। गौरव भाटिया ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार है जिसका दृढ़ निश्चय है कि संकट की इस घड़ी में हम जनता के साथ खड़े हैं और उनके लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। दूसरी ओर, दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। पूरा भारत जानता हू हकबहुत दुख होतशशशशशश अगर एलजी साहब अपना काम कर रहे हैं, केंद्र सरकार के साथ समन्वय बिठा रहे हैं तो अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में उनके ही एक मंत्री एलजी साहब पर दोषारोपण करते हैं, एनडीआरएफ को भी नहीं बख्शते हैं। आज यह सवाल अरविंद केजरीवाल से पूछा जाएगा कि कोविड ने जब भारत और पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया था और दिल्ली में नागरिक ऑक्सीजन सिलिंडर की मांग कर रहे थे, अस्पताल में बेड्स और दवाई की सुविधाएं उपलब्ध करानी थी तब केजरीवाल इसके लिए बिहार से आये लोगों को दोषी ठहरा रहे थे। जब दिल्ली में प्रदूषण की समस्या आई, तब अरविंद केजरीवाल इसके लिए पंजाब की पूर्व सरकार और हरियाणा सरकार को दोषी ठहरा रही थी। अब जब बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति दिल्ली में उत्पन्न हुई है तो वे कहते हैं कि गलती हरियाणा सरकार की है। जब भी दिल्ली में कोई संकट आता है तो अरविंद केजरीवाल इसका दोष दूसरों के ऊपर मढ़ देते हैं लेकिन खुद कुछ करते नहीं जो उन्हें करना चाहिए। यह देख कर दु:ख होता है कि उनके मंत्री जिनको अभी ग्राउंड पर काम करना चाहिए था, वह कह रहे हैं कि षड्यंत्र हो रहा है। क्या भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीम जो दिन-रात एक करके दिल्ली की लोगों को राहत पहुंचाने में लगी हुई है, वह षड्यंत्र कर रही है।प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार बिना मांगें दिल्ली सरकार को हर संभव मदद कर रही है। एनडीआरएफ की टीम लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई है लेकिन इन एजेंसियों पर भी दोषारोपण करने से केजरीवाल जी बाज नहीं आते। एनडीआरएफ जैसी एजेंसी को यह कोई फर्क नहीं पड़ता कि कहां किसकी सरकार है। चाहे केदारनाथ में आई आपदा हो या फिर टर्की में आई आपदा, एनडीआरएफ ने हर जगह जाकर सफलतापूर्वक बचाव कार्य को अंजाम दिया। ऐसी कर्तव्यनिष्ठ एजेंसी पर अरविंद केजरीवाल जी का यह कहना कि वह समय पर नहीं पहुंची, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सैन्य बलों पर आरोप लगाना, उन्हें बदनाम करना, केजरीवाल व उनकी पार्टी के नेताओं की पुरानी आदत है। पुलवामा हमले के समय भी देश के सैन्य बलों की काबिलियत और निष्ठा पर सवाल उठाकर उनके मनोबल को गिराने का काम अरविंद केजरीवाल ने किया था। दिल्ली में आई बाढ़ को लेकर यदि केंद्र सरकार समय रहते मदद नहीं करती तो दिल्ली की स्थिति और भी भयावह होती।प्रवेश वर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल प्राय: प्रेस कांफ्रेंस करते दिख रहे हैं। उनसे गुजारिश है कि वे एक और प्रेस कांफ्रेंस कर यह बताने की चेष्टा करें कि पिछले 8 सालों में वे दिल्ली की बारिश और फ्लड की स्थिति को लेकर उन्होंने कितनी बैठकें कीं? वास्तविकता यह है कि ऐसी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केजरीवाल जी ने एक भी बैठक नहीं की। 2018 में दिल्ली ड्रेनेज सिस्टम पर बनी रिपोर्ट पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जब केजरीवाल सरकार से पूछा गया कि दिल्ली ड्रेनेज पर कितना काम हुआ, तो इसका कोई जवाब दिल्ली सरकार के पास नहीं था। प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि हथिनीकुंड बैराज बंद क्यों नहीं किया जा रहा, वहां से पानी क्यों छोड़ा जा रहा है? केजरीवाल जी को मालूम होना चाहिए कि 23 मई 2023 को एक बैठक हुई थी जिसमें दिल्ली सरकार के इंजीनियर्स मौजूद थे। बैठक में तय हुआ था कि जल स्तर 70 हजार क्यूसेक की जगह 1 लाख क्यूसेक से ऊपर होने के बाद ही पानी छोड़ा जाएगा। इस बैठक में यह भी तय हुआ था कि पूर्वी कैनाल और पश्चिमी कैनाल से कितनी-कितनी पानी छोड़ी जाएगी। दिल्ली सरकार को पता था कि बारिश के मौसम में दिल्ली में कितना पानी आएगा। बैठक में जितना तय हुआ था, हथिनीकुंड से उतना ही पानी छोड़ा गया, जरा भी ज्यादा नहीं। हथिनीकुंड में आटोमेटिक सिस्टम है कि जब वहां 1 लाख क्यूबिक पानी हो जायेगा, तो बैराज के फाटक आटोमेटिक बंद हो जायेंगे, किसी मैन्युअल की आवश्यकता नहीं। अब ऐसी स्थिति में एक पढ़ा-लिखा अनपढ़ आदमी ही यह आरोप लगा सकता है कि हथिनीकुंड बैराज को बंद क्यों नहीं किया जा रहा है, वहां से पानी क्यों छोड़ा जा रहा है। दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए ही अरविंद केजरीवाल ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें कर रहे हैं। केजरीवाल जी दिल्ली में आई बाढ़ की स्थिति संभाल नहीं पाए, इसलिए हताशा में आरोप-प्रत्यारोप करके दिल्ली की जनता की आँखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं।
००