डीएम की अध्यक्षता में कृषि, पशुपालन, मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई आयोजित

रिपोर्ट कालिन्दी तिवारी संतकबीरनगर

संत कबीर नगर । जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग द्वारा संचालित विकासपरक/लाभार्थीपरक योजनाओं में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति, गुणवत्ता एवं कार्य योजना से सम्बंधित समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सत्यजीत गुप्ता एवं मुख्य विकास अधिकारी संत कुमार उपस्थित रहे।

कृषि विभाग के कार्यो/योजनाओं की समीक्षा के दौरान उप निदेशक कृषि राकेश सिंह द्वारा बताया गया कि शासन की महत्वपूर्ण योजना डिजिटल क्रॉप सर्वे की प्रगति 88 प्रतिशत है जिसमें लगभग 36000 गाटा जिओ रेफरेंस मिसमैच के कारण लम्बित है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि शेष डाटा में समस्त कर्मचारी जैसे पंचायत सहायक, तकनीकी सहायक, लेखपाल इत्यादि के माध्यम से फसलों की सर्वे 2-3 दिवस में पूर्ण करा लिया जाए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 15वीं किस्त शत-प्रतिशत केवाईसी होने के उपरांत भेजे जाने के लिए निर्देश शासन से प्राप्त है जबकि जनपद की प्रगति मात्र 74 प्रतिशत है। उपनिदेशक कृषि द्वारा अवगत कराया गया कि समस्त कर्मचारी को मोबाइल ऐप के द्वारा फेशियल ई केवाईसी कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जो किसान गांव से बाहर है उनके आधार एवं मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी के माध्यम से केवाईसी कराई जा रही है। जो कृषक ई केवाईसी से वंचित रह जाएंगे उनकी अगली 15वीं किस्त नहीं प्राप्त हो सकेगी। इस संबंध में जिलाधिकारी ने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम सचिव, रोजगार सेवक एवं पंचायत सहायक को लगाकर इसमें तेजी लाते हुए लाभार्थियों की ई-केवाईसी करा दी जाए, जिससे आगामी किश्तों के भुगतान में कोई तकनीकी असुविधा न हो। उप निदेशक कृषि द्वारा बताया गया कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी उपलब्ध है। जिलाधिकारी द्वारा डीएपी एवं यूरिया के प्रेषण की निगरानी सतत रूप से किए जाने हेतु सहायक निबंधक एवं सहायक आयुक्त को निर्देश दिए गए साथ ही जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि जनपद के प्रगतिशील कृषक जो उद्यम विकासशीलता रखते हैं और खेती किसानी में अच्छा कार्य कर रहे हैं अथवा अच्छा कार्य करना चाहते हैं उनकी सहभागिता कृषि के कार्यक्रमों में बढ़ाई जाए।

समीक्षा के दौरान समय से कृषकों को कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराया जाना, मिलेट्स (श्री अन्न) पुनुरूद्धार कार्यक्रम के तहत किसान भाईयों में जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार, परम्परागत कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कुसुम योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना, आत्मा योजना के तहत भ्रमण कार्यक्रम, सोलर पम्प प्रशिक्षित कृषि उद्यमी, स्वालम्बन योजना, पराली प्रबन्धन, प0 दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत नदियों आदि के किनारे किसानों की जमीनों का समतलीकरण एवं मेड़बन्दी सहित सभी कार्यक्रम/योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी द्वारा आवश्यक बिन्दुओं पर दिशा निर्देश दिये गये।

जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के ऐसे प्रगतिशील किसानों की सूची बनाई जाए जो परम्परागत कृषि के अतिरिक्त नगदी फसलों/बाजार की मांग के अनुसार फसलों/मिलेट्स/औद्यानिक कृषि आदि की खेती कर रहें है अथवा करना चाहते है उन्हें अनिवार्य रूप से किसान दिवस में बुलाया जाए, उनकी कृषि से सम्बंधित प्रक्रियागत समस्याओं का समाधान किया जाए तथा अन्य किसानों को भी इस दिशा में कृषि कार्य करने हेतु प्रेरित किया जाए।

इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा पशुपालन विभाग के कार्यो की समीक्षा के दौरान पशुओं का टीकाकरण, गोवंश संरक्षण सहित अन्य कार्यक्रम की आकड़ेवार समीक्षा करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि वृहद अभियान चला कर सड़कों पर धूम रहें गोवंशों को गोशालाओं में संरक्षित किया जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जनपद के प्रत्येक विकास खण्ड, नगर पंचायत में कम से कम एक-एक कैटल कैचर की व्यवस्था कराई जाए तथा नगर पालिका में आवश्यकतानुसार कैटल कैचर रखा जाए। गोवंश सहभागिता योजना के तहत किसानों को गोवंश संरक्षण हेतु जानकारी दी जाए एवं उन्हें जागरूक किया जाए।

जिलाधिकारी ने जनपद के ऐसे पशुपालकों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिये जो पशुपालन को व्यापार के रूप में कार्य करना चाह रहें है। इस संबंध में उनसे बातचीत कर गोवंश संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने उप निदेशक कृषि, भूमि संरक्षण अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को संयुक्त रूप से जेल परिसर में भूमि का निरीक्षण कर कृषि योग बनाने तथा वहां पर गोशाला बनाने की सम्भावनाओं की अध्ययन करने हेतु निर्देशित किया।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने विभाग के कार्यो/योजनाओं में प्रगति एवं गुणवत्ता की समीक्षा स्वंय के स्तर पर करते रहें, आई0जी0आर0एस0, जनता दर्शन अथवा किसी भी शिकायती संदर्भ के सापेक्ष कोई प्रकरण लम्बित न होने पाये तथा योजनाओं के सत्यापन के साथ-साथ परफार्मेंश की समीक्षा करें।

इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा मत्स्य विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया गया कि पिछले 5 वर्षों में हुए ग्राम सभा के पट्टे की सूची तहसील से प्राप्त कर उनका तहसील के लेखपालों या ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम विकास अधिकारियों से जियो टैग कराया जाए तथा अवशेष लोगों का मछुआ दुर्घटना बीमा किया जाए। उन्होंने बखिरा झील के लिए कार्य योजना बनाने तथा वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना एवं मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना में चयनित लाभार्थियों की सूची सोशल मीडिया पर शेयर करने हेतु भी निर्देशित किया।

इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी सुरेश चन्द्र केसरवानी, डीसी0 एल0आर0एल0एम0 जीशान रिजवी, डीसी मनरेगा प्रभात द्विवेदी, पी0डी0 संजय नायक, जिला कृषि अधिकारी पी0सी0 विश्वकर्मा, भूमि संरक्षण अधिकारी सीपी सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, मुख्य कार्यपाल अधिकारी मत्स्य विजय मिश्र, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज सहित सम्बंधित आदि उपस्थित रहे।

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