श्री मानस सेवा समिति (मोहन-मंदिर) अयोध्या द्वारा मनाया जायेगा स्वर्ण जयंती-महोत्सव-2023

 

अयोध्या l श्री अयोध्याधाम’ की सांस्कृतिक- साहित्यिक धरोहर स्वरूप में मानस- मुक्तामणि’ पत्रिका के प्रकाशन की पांच- दशक की दीर्घकालीन यात्रा में समिति की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि ‘मानस- मुक्तामणि’ पत्रिका का अनवरत प्रकाशन किया जायेगा | संगीतसम्राट पंडित भगवत किशोर जी ‘व्याकुल’ सितारे-हिंद की आंतरिक- प्रेरणाओं से अभिप्रेरित,भारतीय- संस्कृति से जनमानस को तुलसी- साहित्य से संस्कारित करने के उद्देश्य से मनमोहन सरकार ने 11 अगस्त 1973 को ‘आचार्य कौशलकिशोर मिश्र’ की अध्यक्षता में 9 सदस्यों को लेकर समिति का गठन किया | इसके सर्वप्रथम मंत्री शारदा प्रसाद पाठक रहे | अयोध्या के संत-समाज के शिरोमणि मं. श्री नृत्यगोपालदास जी महाराज, इसके संरक्षक सन् 1974 ई. से अद्यावधि तक हैं और आज भी उनके शुभाशीषों से संस्था विकसनशील है। संत-महात्माओं के शुभाशीषों और साहित्यकारों के गवेषणात्मक विचारों की ज्ञान-विज्ञान मंजूषा है ‘मानस-मुक्तामणि’ । अनेक- भाषाओं के मर्मज्ञ डॉ.रमानाथ त्रिपाठी- ‘रामकथा’ के विविध- आयामों से भारतीय भारतीय जनमानस को नवीन दिशा प्रदान करने वाले इस समिति के अध्यक्ष हैं | सम-सामयिक रूप से इनके लेख ‘मानस-मुक्तामणि’ पत्रिका में प्रकाशित होते रहे हैं | मानस-तत्वान्वेषी पं. श्री रामकुमारदास जी रामायणी ,पं. प्रेमदास जी रामायणी (मानस-मार्तण्ड), पं. श्रीअखिलेश्वर दास जी आदि ऐसे देदीप्यमान रत्न हैं| जो कि श्री मानससेवासमिति के लिए सदैव स्मरणीय हैं | स्वामी श्री सीतारामशरण जी महाराज श्री लक्ष्मण किलाधीश के आलेख शोधपरक रूप में प्रकाशित हुए हैं | समिति दो दिवसीय ‘स्वर्णजयंती- समारोह 21एवं 22 सितंबर 2023 को श्री मणिरामदास छावनी सेवा ट्रस्ट के सभागार में आयोजित कर रही है। ‘सारस्वत-सम्मान’ व ‘मानस- मुक्तामणि’ स्वर्णजयंती-‘विशेषांक विमोचन कार्यक्रम के मुख्यअतिथि माननीय जस्टिस श्री सुधीर कुमार सक्सेना – पूर्वन्यायमूर्ति (उच्च- न्यायालय) प्रयागराज,अध्यक्षता मं. जगद्गुरु रामानंदाचार्य श्री 1008 स्वामी श्री वल्लभाचार्य जी महाराज- चारुशीला मंदिर, जानकीघाट अयोध्या धाम प्रातः 10:00 बजे से 1:00 बजे तक करेंगे | द्वितीय सत्र में सांय 4:00 बजे से 8:00 बजे तक पं.भगवतकिशोर ‘व्याकुल’ की पावन- स्मृति में ‘भक्ति, संगीत- संध्या कार्यक्रम, जिसमें डॉ. रमेशकुमार मिश्र (दिल्ली) व स्थानीय कलाकार भाग लेगें| जिसके मुख्य अतिथि बिंदुगद्याचार्य अनंत श्री विभूषित मं.देवेंद्र प्रसादाचार्य जी महाराज- बड़ास्थान, रामकोट,अयोध्याधाम रहेगें | द्वितीय दिवस – 22 सितंबर 2023 को विचार-संगोष्ठी- “सामाजिक समरसता में मानस की सार्वकालिक प्रासंगिकता” विषय पर आयोजित किया जाएगा | जिसके ‘मुख्य-अतिथि’ माननीया प्रोफेसर प्रतिभा गोयल (कुलपति- डॉ. राममनोहरलोहिया अवध वि.वि. अयोध्या रहेंगी | अध्यक्षता डॉ.सुशीलकुमार पांडेय ‘साहित्येदु’ (सुल्तानपुर) करेगें |
मेरी ऐसी धारणा है कि अयोध्या के संदर्भ में श्री मानससेवासमिति द्वारा आयोजित ‘स्वर्णजयंती-महोत्सव, भक्ति-साहित्य एवं सांस्कृतिक परिपेक्ष्य में एक महत्त्वपूर्ण दिशा निर्धारित करेगी | डॉ संजयकुमार पांडेय (सह-संपादक) ने यह अवगत कराया कि इस सुकार्य में समिति पदाधिकारियों व सदस्यों ने सहयोग दिया है,जिससे 21 ‘स्वर्ण- पदक व 11 रजत-पदक विभिन्न भक्ति-मनीषियों व साहित्यकारों को प्रदान किया जाएगा | सुदूर अंचलों से भोपाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश,पंजाब, कर्नाटक के सदस्यों ने भी उपस्थित रहने की संस्तुति दी हैं | श्री शेषमणि मिश्र(अध्यक्ष), डॉ वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी (सचिव), श्रीपंक संजयकुमार मिश्र (दिल्ली), श्री पंकज सिंह (गोरखपुर) तथा गिरीशनारायण (हरिद्वार) ने सक्रियतापूर्वक योगदान दिया है | इस कार्यक्रम में डॉ. वीरेंद्रकुमार त्रिपाठी (सचिव) महती भूमिका का निर्वाह कर रहे है।

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