समाज को नई राह दिखा रही है अनुराग लक्ष्य, पत्रिका का मूल्य बहुत कम है, कुछ और बढ़ा दीजिए, डॉक्टर अमित श्रीवास्तव,,,,
अनुराग लक्ष्य, 9 अक्टूबर
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता ।
आ गई चलते चलते कहां जिंदगी,
थी जहां मेरी मंज़िल वहां जिंदगी,
मेरे हाथों में दे सिर्फ़ मेरा कलम,
रखले तू पास तीर ओ कमां ज़िंदगी,,,
मैंने इससे पहले भी अपने इस कलाम को आप तक पहुंचाय है, जो हमारी जद दो जेहाद और संघर्ष को दर्शाता है। आज हमारी मुलाकात एक ऐसे मनीषी से हो रही है। मुंबई में जिन्हें लोग डॉक्टर अमित श्रीवास्तव के नाम से जानते और पहचानते हैं।
प्रस्तुत हैं उनके विचार,
बस्ती जनपद से निकलने वाली मासिक पत्रिका अनुराग लक्ष्य एक साफ सुथरी पत्रिका के साथ स्वस्थ मनोरंजन भी कर रही है। मुंबई जैसी आर्थिक नगरी में जिस तरह यह अपनी यात्रा पर है। निश्चित रूप से एक दिन यह पत्रिका अनुराग लक्ष्य पूरे देश में पढ़ी जाएगी।
यह कहना है डोंबिवली मुंबई के रहने वाले डॉक्टर अमित श्रीवास्तव का, जो पिछले 4 वर्षों से अनुराग लक्ष्य के नियमित पाठक हैं।
अपनी खुशी का इज़हार करते हुए वोह आगे यह भी कहते हैं कि बस्ती से चलकर अन्य प्रान्तों से होते हुए यह मुंबई में भी पढ़ी जा रही है। निश्चित रूप से पत्रिका के संपादक विनोद कुमार की मेहनत और संघर्ष को दर्शाता है। आगे वोह यह भी कहते हैं कि सलीम बस्तवी अज़ीज़ी ने जिस तरह मुंबई में इसे स्थापित किया है। यह भी एक सराहनीय कार्य है।
पत्रिका अनुराग लक्ष्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि मुंबई जैसी आर्थिक नगरी में इसका मूल्य बहुत कम है। इसके मूल्य में कुछ वृद्धि की ज़रूरत है। जिससे अनुराग लक्ष्य को पूरे देश में पढ़ाने के लिए आर्थिक तौर पर इसे और मजबूती प्रदान किया जा सके।