पीड़ित दलित परिवार की मदद के लिए एक अभिभावक की भूमिका में दिखे चेयरमैन प्रतिनिधि नीलमणि

न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करने में लग गया था पुलिस की साख पर बट्टा

पुलिस की साख संवारने के लिए एसपी संदीप कुमार मीणा ने पेश किया मानवता की मिशाल

नीलमणि ने पीड़ित परिवार को 25 हजार रुपए की सौंपी आर्थिक मदद

परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष और कृषि दुर्घटना बीमा की धनराशि दिलाने के लिए शुरू किया पहल

 

जितेन्द्र पाठक

 

संतकबीरनगर – महुली थाना क्षेत्र के ग्राम नगुआ निवासी दलित वारंटी की पुलिस हिरासत में सामान्य मृत्यु हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस लिया है। समूचे घटनाक्रम में धनघटा विधान सभा क्वपूर्व प्रत्याशी नीलमणि ने पीड़ित परिवार की एक अभिभावक के रूप में मदद किया। नीलमणि ने जहां पीड़ित परिवार की खुद आर्थिक मदद किया वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष और कृषि दुर्घटना बीमा के तहत सहायता दिलाने की पहल भी शुरू कर दिया है।

गुरुवार को पुनः नगुआ स्थित पीड़ित परिवार के घर पहुंचे चेयरमैन प्रतिनिधि नीलमणि ने परिजनों को 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान किया। उन्होंने पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपए दिलाने की शुरू हुई पहल की भी जानकारी दिया। इसके अलावा नीलमणि ने कृषि दुर्घटना बीमा के तहत भी 5 लाख रुपए आर्थिक सहयोग दिलाने का भी आश्वासन दिया। न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने गई चौकी पुलिस की हिरासत में दलित वारंटी की मौत से क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई थी। पुलिस प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक अलर्ट हो गया था। मृतक के परिवार के जिम्मेदार बेटों के मौके पर न रहने के कारण पत्नी और बेटी ने पीएम के लिए शव सौंपने से इंकार कर दिया था। स्थिति गंभीर होती जा रही थी। पीड़ित परिवार का दर्द और ग्रामीणों के आक्रोश को देख पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मीणा ने भी धैर्य और संयम का परिचय देते हुए समाज में पुलिस की गिरती साख को बनाए रखने का प्रयास किया। उस समय भी प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मौजूद नीलमणि ने परिवार के सदस्यों से दूरभाष पर बात करके उनके साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया था। नीलमणि के ही अथक प्रयास से परिजन शव को पुलिस को सौंपने को तैयार हुए थे। मृतक के बेटों के पहुंचने तक पुलिस ने शव को जिला मुख्यालय स्थित मोर्चरी के फ्रीजर में रखवा दिया था। बुधवार की सुबह ही नीलमणि मृतक के घर पहुंच गए। बेटों और अन्य परजनो को साथ लेकर जिला मुख्यालय स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। शव का पीएम करवा कर एक अभिभावक के रूप में शव के साथ फिर से गांव पहुंचे। बिड़हर घाट पर दाह संस्कार कराकर परिवार से किए गए हर वादे पर नीलमणि खरा उतरे। पुनः गुरुवार को मृतक के घर पहुंच कर न सिर्फ आर्थिक मदद सौंपा बल्कि शासन और सरकार से मिलने वाली हर तरह की आर्थिक मदद दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दिया। नीलमणि का कहना है परिवार जिस तरह के न्याय की मांग करेगा उस तरह का न्याय दिलाने के लिए वे संकल्पित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोग एक पीड़ित परिवार का दर्द साझा करने के बजाय अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने के लिए पीड़ित और द्रवित परिवार को मोहरा बनाने की फिराक में थे। हमारा उद्देश्य है कि परिवार की मदद हो और उन्हें न्याय मिले। उधर ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने गई थी। किसी को भी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उम्मीद नही थी। तात्कालिक समय में भले ही आरोपों के बीच पुलिस की साख को बट्टा लगा था लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारियों ने जिस तरह पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हो कर उनका दर्द साझा किया वह प्रसंशनीय है। अब जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक राम किशुन के मृत्यु का कारण सामान्य मौत के रूप में बाहर आया तो जिला प्रशासन, पुलिस प्रशसन और क्षेत्र की आवाम ने राहत की सांस लिया है।