छत्तीसगढ़ बहुद्देशीय व्याकरण (विश्व के व्याकरणों में प्रथम छत्तीसगढ़ संपादित व्याकरण) में अपनी सूझन और साहित्यिक योगदान के माध्यम से अंजना सिन्हा ‘सखी’ (रायगढ़) जी ने सहयोगात्मक भूमिका निभाई, जो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। इस ऐतिहासिक पुस्तक का विमोचन 13 मई 2025 को राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में सुवर्ण कुमार द्वारा रायपुर, छत्तीसगढ़ में किया गया।
इस भव्य आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य मंच डॉ. श्रीमती ललिता यादव, वरिष्ठ अभिनेत्री एवं समाजसेविका श्रीमती सुमन मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर डॉ. बी. ए. भोसले, प्राचार्य आ.अ.स. नियम कॉलेज, साहित्यकार एवं संपादक श्री सुनील शर्मा, सम्मानित अतिथि श्रीमती कल्पना बैनर्जी (पूर्व मंत्री), श्री दुर्गेश दुबे (राष्ट्रीय अध्यक्ष पत्रकार संगठन), श्री भरत शर्मा (राष्ट्रीय अध्यक्ष दर्शनी पत्रकार संघ), एवं श्री वीरेन्द्र बघेल (राष्ट्रीय अध्यक्ष गौसेवा आयोग) उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के संयोजक सुवर्ण कुमार, संचालन डॉ. के. के. कुशवाहा, सह-संयोजक श्री पवन गुप्ता एवं श्री ललित शर्मा थे। इस विमोचन समारोह में कुल 117 रचनाकारों को सम्मानित किया गया। इस पुस्तक का सम्पादन सुवर्ण कुमार द्वारा मेघालय एवं झारखंड में किया गया, जो छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गर्व की बात है।
इस अवसर पर अंजना सिन्हा ‘सखी’ (रायगढ़) को उनके उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान हेतु पाँचवीं बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला, जो राज्य की साहित्यिक उपलब्धियों में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में जुड़ा। यह सम्मान छत्तीसगढ़ की साहित्यिक प्रतिष्ठा को और भी ऊँचाइयों तक ले जाता है।
अंजना सिन्हा ‘सखी’ सहित समस्त सम्मानित रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ।