Lucknow
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदेश में गोवंश को किसानों और पशुपालकों के लिए समृद्धि का आधार बनाया जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण केन्द्रों को आत्मनिर्भर बनाने के ठोस प्रयास किए जाएं और इस क्षेत्र में तकनीक, निवेश, शोध और नवाचार को बढ़ावा दिया जाए।मंत्री ने आज विधान भवन में भूसा प्रबंधन, निराश्रित गोवंश संरक्षण, गोशालाओं के रख-रखाव, और पशुओं के लिए हरा चारा, पानी, भूसा, और औषधियों की व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि गोआश्रय स्थलों में समुचित सुविधाएं प्रदान की जाएं और बेहतर व्यवस्था वाले गोआश्रय स्थलों को सम्मानित किया जाए।उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि गोवंश के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली दवाओं और वैक्सीन्स की गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने मण्डल और जनपद स्तर पर आयोजित पशु मेलों को और अधिक सार्थक बनाने की बात की और किसानों एवं अच्छे पशुपालकों को प्रोत्साहित करते हुए पुरस्कृत करने की आवश्यकता जताई।मंत्री ने कहा कि गोवंश के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए, और गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट के उपयोग की योजना बनाई जाए। साथ ही, गोआश्रय स्थलों में केयर टेकर की तैनाती की जाए, जो रात्रि में वहां रुक कर सभी आवश्यक कार्यों को सुचारू रूप से पूरा करें।बैठक के दौरान यह जानकारी भी दी गई कि प्रदेश में 7,693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित हैं और 40,968.29 हेक्टेयर गोचर भूमि को कब्जामुक्त कर हरे चारे की बुआई की गई है।मंत्री के दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के0 रविन्द्र नायक ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप सभी कार्यों को सख्ती से लागू किया जाएगा।