Lucknow
उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने मंगलवार को लखनऊ के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम “उद्यमिता विकास की ओर उत्तर प्रदेश” का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कौशल विकास से जुड़े सभी प्रमुख स्टेकहोल्डरों—जैसे कि सेक्टर स्किल काउंसिल, उद्योग, उद्यमी, सरकार, और शैक्षिक संस्थाएं—को एक मंच पर लाकर कौशल विकास मिशन कार्यक्रमों को सही दिशा में लागू करने का मार्गदर्शन करना था।कार्यक्रम की शुरुआत में मंत्री अग्रवाल ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सरकार हर मोर्चे पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कौशल विकास, रोजगार सृजन और युवाओं के आत्मनिर्भर बनने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि प्रदेश सरकार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इन प्रयासों को गति दे रही है।मंत्री ने कार्यक्रम में आगे कहा कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने उद्योग जगत से नवाचार, कौशल विकास में निवेश और भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया और युवाओं से आग्रह किया कि वे प्राप्त प्रशिक्षण को गंभीरता से लेकर अपने कौशल को निखारें।कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने ‘हुनर मित्र’ पत्रिका के प्रवेशांक का विमोचन किया और मिशन द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने प्रशिक्षण में निपुणता लाकर प्रदेश व देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दें।इस अवसर पर प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि औद्योगिक प्रतिष्ठान, नियोजक और अन्य हितधारक मिशन के साथ भागीदारी कर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करें।मिशन निदेशक पुलकित खरे ने कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि कार्यक्रम में 22 औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ सहमति पत्र (एम.ओ.यू.) व आशय पत्र (एल.ओ.आई.) हस्ताक्षरित किए गए हैं, जिससे 26,811 युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में सेवायोजित प्रशिक्षणार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भरता और रोजगार के बेहतर अवसर मिले हैं।कार्यक्रम में विचार-विमर्श भी आयोजित किया गया, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय, सेक्टर कौशल परिषद, परियोजना क्रियान्वयन अभिकरण (पी.आई.ए.) और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने स्कूल स्तर से ही विद्यार्थियों को उद्यमिता के बारे में जागरूक करने तथा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रेरणादायक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।कार्यक्रम में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्यों और पांच उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रशिक्षण प्रदाताओं को सम्मानित भी किया गया।