उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था को मिली मंजूरी,

Lucknow  उत्तर प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण और निजी वाहनों की संख्या में हो रही निरंतर वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए एक बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश नगर निगम (पार्किंग स्थान का सन्निर्माण, अनुरक्षण एवं प्रचालन) नियमावली 2025 को मंजूरी प्रदान की गई। इस नियमावली के तहत प्रथम चरण में प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था संचालित की जाएगी।नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने मंगलवार को लोकभवन स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नगरों में पार्किंग स्थलों की भारी कमी के कारण लोग अपने वाहनों को सड़कों, फुटपाथों और अन्य खाली स्थानों पर अनियोजित रूप से पार्क कर देते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाओं और वाहन क्षति की समस्या उत्पन्न होती है। अब पीपीपी मॉडल पर विकसित की जा रही पार्किंग व्यवस्था से इन सभी समस्याओं से राहत मिलेगी।उन्होंने बताया कि स्मार्ट पार्किंग स्थलों पर आईटी आधारित मल्टीलेवल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, वाहनों की धुलाई, सफाई, टायर में हवा भरने जैसी सेवाएं भी शामिल होंगी। इसके अलावा, सभी पार्किंग स्थलों का सीमांकन कर चिन्हित किया जाएगा और उन्हें निजी संस्थानों को पांच वर्षों के अनुबंध पर विकसित व संचालित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। पार्किंग शुल्क की दरें बोली प्रक्रिया (बिडिंग) के माध्यम से तय की जाएंगी, जिससे एक समान शुल्क सुनिश्चित होगा और मनमानी दरों से लोगों को राहत मिलेगी।मंत्री ने यह भी बताया कि प्रत्येक स्थल के लिए प्रबंधकीय समिति का गठन किया जाएगा, जो निगरानी और संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी। इससे न केवल नागरिकों को सुगम और सुरक्षित पार्किंग की सुविधा मिलेगी, बल्कि नगर निगमों के राजस्व में वृद्धि और शहरी क्षेत्रों का नियोजित विकास भी सुनिश्चित होगा।
सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश के शहरों में ट्रैफिक और अव्यवस्था की समस्या से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।