जिसके हृदय में भगवान की भक्ति उसका जीवन धन्य ईश्वर और प्रेम दोनो का एक ही रूप-सर्वेश्वर शरण

बस्ती, 07 फरवरी। सदर विकास क्षेत्र के गांव रक्सा में केदारनाथ यादव के निज निवास पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन श्री धाम वृंदावन से पधारे आचार्य श्री सर्वेश्वर शरण ने कहा संसार में उसी मनुष्य का जीवन धन्य है जिसके हृदय में भगवान की भक्ति विराजमान है। ईश्वर और प्रेम, दोनों का एक ही रूप है। जो भगवान के चरणों में प्रेम करता है परमात्मा उसके पूर्व जीवन में किए हुए समस्त पापों का नाश कर देते हैं।

कथा प्रवक्ता ने कहा की पूतना जन्म से ही राक्षसी है। उसका कर्म, भोजन, जीवन, नाम, खानदान सब कुछ अपवित्र है। वह भगवान कृष्ण को जहर पिलाकर मारने आई थी। लेकिन फिर भी दयालु श्री कृष्ण ने जहर पिलाने वाली पूतना को भी वही गति प्रदान की जो गति अपना सर्वस्व प्रेम कृष्ण पर न्योछावर करने वाली माता यशोदा को दी। इस कथा से यह स्पष्ट हो जाता है कि कोई भला बुरा चाहे जैसा भी हो भगवान के शरणागत होने पर ठाकुर जी उसका कभी परित्याग नहीं करते हैं। भगवान कृष्ण की बाल लीलाएं, चीर हरण एवं गोवर्धन पूजा आदि की सुंदर कथाएं सुनकर सभी श्रोता मंत्र मुक्त हो गए। इस अवसर पर क्षेत्र के सैकड़ों गणमान्यों ने कथा का रसपान किया।