अयोध्या। श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में श्रीविष्णु सहस्रनाम क्षेत्रम् नागौल हैदराबाद की संस्था द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नाम गोत्र के संकल्प के साथ,भगवान श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 22 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ विष्णु सहस्त्रनाम का पारायण पाठ,जो 29 अक्टूबर तक सुबह 6 बजे तक चलेगा। 56 जापक 3-3 घंटे के क्रम में 24 घंटे तक विष्णु सहस्त्रनाम का जब करेंगे, विष्णु सहस्त्रनाम के साथ 12 जापक ,रामायण ,सुंदरकांड ,सप्तसती , सद्गुरु दत्तात्रेय और भगवदगीता का पारायण कर रहे है उक्त बातें लक्ष्मी नारायण महराज ने बताया। विष्णु सहस्रनाम परायण ब्रंदम की स्थापना 1974 में हुई थी। फिर हम 1999 में अलग हो गए और अपना नाम बदलकर श्री विष्णु सहस्रनाम क्षेत्रम रख लिया।
उन्होंने ने बताया कि कई कार्य करने के बाद और समान विचारधारा वाले लोगों से मिले दान की मदद से हमने वर्ष 2002 में एक मंदिर का निर्माण किया और इसका नाम श्री विष्णु सहस्रनाम क्षेत्रम रखा और विजयवाड़ा में स्वर्गीय श्री ब्रह्माण्ड तीर्थ यतिश्वर ने विकसित किया था और उन्होंने 12 वर्षों तक प्रचार का कार्य संभाला था। बाद में ब्रह्माश्री जगरलापुडी लक्ष्मीनारायण गुरु ने इस मंदिर की स्थापना की और इस मंदिर के संस्थापक के रूप में विष्णु सहस्रनाम का प्रतिदिन सुबह 3 घंटे जाप किया जाता है।
उन्होंने बताया कि अनुष्ठान में प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नाम गोत्र का भी संकल्प लिया जाता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का निर्माण करा कर बड़ा कार्य किया। अनुष्ठान में हर दिन शाम को गोपूजा, अभिषेकम, यमपूजा प्रत्येक यम के अंत में प्रत्येक 3 घंटे के लिए,श्री सत्यनारायण स्वामी व्रतम, ललिता कुमकुमपूजा होगी। पारायणम विष्णु हवन और अंत में चंडी हवन किया जाएगा। इसके साथ ही कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा। अनुष्ठान के व्यवस्थापक सीताराम प्रसाद ने बताया कि 24 घंटे चलने वाले इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति 29 अक्टूबर को होगी। मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में विष्णु सहस्रनाम अखंडपाठ का ऐसा आयोजन पहली बार दक्षिण भारत पद्धति में किया जा रहा है।