लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान (SIR) के तहत प्रदेश के प्रत्येक मतदाता से अपील की है कि वे अपने गणना प्रपत्र को सही-सही भरकर हस्ताक्षर सहित 4 दिसंबर तक अपने मतदेय स्थल के बीएलओ को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दें। उन्होंने बताया कि मतदाता अपने या अपने परिजनों का विवरण वर्ष 2003 की मतदाता सूची में खोजने के लिए https:@@voters-eci-gov-in पोर्टल पर Search Your Name in Last SIR विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। Search by Elector Details पर जाकर किसी भी मतदाता की जानकारी आसानी से देखी जा सकती है। यदि वर्ष 2002-2004 के दौरान मतदाता किसी अन्य राज्य में रहा हो, तो उस अवधि की मतदाता सूची भी उसी पोर्टल पर उपलब्ध है। गणना प्रपत्र ऑनलाइन भरने की सुविधा भी वेबसाइट पर दी गई है।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता पोर्टल पर अपने EPIC नंबर दर्ज कर अपने बीएलओ का नाम और फोन नंबर प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही Book a call with your BLO सुविधा भी उपलब्ध है, जिसके माध्यम से बीएलओ को यह सूचना मिलती है कि संबंधित मतदाता उनसे बात करना चाहता है। निर्देश दिए गए हैं कि बीएलओ 48 घंटे के भीतर मतदाता को वापस कॉल करें। इसके अतिरिक्त, किसी भी प्रकार की जानकारी या शिकायत के लिए मतदाता 1950 हेल्पलाइन (जनपद के STD कोड के साथ) पर संपर्क कर सकते हैं, जहाँ जिला संपर्क केंद्र के कर्मचारी आवश्यक सहायता प्रदान करते हैं।उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में अधिक हेल्प डेस्क स्थापित करने और प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती के निर्देश सभी जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों को दिए गए हैं। अब तक प्रदेश में 3 करोड़ से अधिक गणना प्रपत्रों का संग्रह और डिजिटाइजेशन बीएलओ द्वारा किया जा चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी मतदाताओं से SIR प्रक्रिया में सक्रिय सहभागिता की अपील करते हुए कहा कि विशेषकर शहरी क्षेत्रों में जहाँ बीएलओ स्थानीय कर्मचारी नहीं होते, वहाँ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को भी सहयोग देना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके जनपद के प्रत्येक गाँव, मजरों, मोहल्लों, कॉलोनियों और बस्तियों में रहने वाले हर मतदाता को गणना प्रपत्र अवश्य उपलब्ध कराया जाए। किसी भी क्षेत्र को बीएलओ के भ्रमण से छूटने नहीं दिया जाएगा। साथ ही सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार अपने जिले में SIR प्रक्रिया को समय पर पूर्ण करें।