रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार का बड़ा कदम, औचक निरीक्षण बढ़ाए जाएंगे

लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और त्रुटिरहित बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने बताया कि जिन क्षेत्रों में संपत्ति रजिस्ट्रियों की संख्या असामान्य रूप से अधिक दर्ज की जा रही है, वहां अब औचक स्थलीय निरीक्षणों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। यह कदम हाल ही में धार्मिक एवं पर्यटन महत्व वाले इलाकों में बढ़े भूमि सौदों की जांच के बाद व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है—“हर स्तर पर पूर्ण पारदर्शिता और किसी भी अनियमितता पर तुरंत रोक।” पूर्व व्यवस्था के अनुसार विभिन्न स्तरों पर उप-निबंधक को 50, एडीएम को 25 और जिलाधिकारी को 5 औचक निरीक्षण करने का प्रावधान था। अब नई नीति के तहत उन सभी स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां रजिस्ट्री का कार्यभार तेजी से बढ़ा है, ताकि विभागीय कार्यों की सूक्ष्म निगरानी हो सके और गलत प्रवृत्तियों को प्रारंभिक स्तर पर ही रोका जा सके।जायसवाल ने स्पष्ट किया कि निरीक्षणों की संख्या बढ़ाने का उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को और सुरक्षित बनाना है। इससे न केवल संपत्ति से जुड़े संभावित धोखाधड़ी और राजस्व हानि पर अंकुश लगेगा, बल्कि आम जनता के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित होगी। सरकार का मानना है कि यह कदम पूरे प्रदेश में संपत्ति पंजीकरण व्यवस्था में विश्वास और पारदर्शिता को और अधिक मजबूत करेगा।