प्रतापगढ़ में 200 साल पुरानी हवेली से निकला 2 करोड़ का खजाना; गांजा तस्कर ने बना रखा था ‘किला’

दो पुश्तों से चल रहे सिंडिकेट का भंडाफोड़; 12 हाई-डेफिनिशन CCTV, गुप्त सुरंग, और ₹2.20 करोड़ नकद बरामद; टीम को 1.25 लाख का बंपर इनाम

 

रिपोर्टर अनुराग उपाध्याय

प्रतापगढ़, पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए प्रतापगढ़ में गांजा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसका संचालन एक आलीशान मकान से किया जा रहा था। यह मकान तस्कर ने न केवल रहने के लिए बल्कि अपने अवैध कारोबार को ‘अभेद्य किले’ में बदलने के लिए इस्तेमाल किया था।

घर नहीं, यह एक ‘फोर्ट्रेस’ था!

पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल में बंद राजेश मिश्रा के घर पर जब दबिश दी, तो टीम दंग रह गई। यह घर एक साधारण आवास नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आपराधिक नियंत्रण केंद्र था।

चौकसी: घर के अंदर और बाहर, हर कोने पर पैनी नज़र रखने के लिए 12 हाई-डेफिनिशन CCTV कैमरे लगाए गए थे।

गुप्त निकासी और संग्रह: सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि नकदी और मादक पदार्थों को छिपाने के लिए घर के भीतर गहरा तहखाना और आपातकालीन स्थिति में भागने के लिए एक गुप्त सुरंग भी बनाई गई थी।

छोटे नोटों में मिले 2 करोड़, दो पुश्तों की कमाई!

तलाशी के दौरान, पुलिस टीम को घर के विभिन्न गुप्त ठिकानों से ₹2 करोड़ 20 लाख (अनुमानित) की भारी नकदी बरामद हुई। इस नकदी की एक बड़ी खासियत यह थी कि यह अधिकतर ₹100, ₹50, और ₹20 के नोटों के बंडलों में थी, जो तस्करों के छोटे-छोटे, लेकिन लगातार और बड़े पैमाने के अवैध लेन-देन को दर्शाती है।

जांच में सामने आया है कि यह गांजा तस्करी का नेटवर्क कम से कम दो पीढ़ियों से इलाके में फल-फूल रहा था, जिसने अवैध कमाई के बल पर इतनी बड़ी संपत्ति अर्जित की थी।

सरगना जेल में, पत्नी चला रही थी कारोबार

इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड राजेश मिश्रा पहले से ही गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल में है। लेकिन, पुलिस का कहना है कि उसके जेल जाने के बाद भी यह अवैध कारोबार रुका नहीं। मिश्रा की पत्नी रीना मिश्रा न केवल इस नेटवर्क को चला रही थी, बल्कि वह गुप्त ठिकानों और नकद के प्रबंधन में भी सीधे तौर पर शामिल थी।

पुलिस ने रीना मिश्रा सहित मौके से कुल पाँच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, मौके से 6 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाला गांजा और 577 ग्राम स्मैक भी जब्त की गई है।

बहादुर टीम को ₹1.25 लाख का पुरस्कार

प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक (SP) ने इस सफल और जोखिम भरे ऑपरेशन को अंजाम देने वाली पूरी टीम की सराहना की है। इतनी बड़ी मात्रा में नकद और मादक पदार्थों को जब्त करने और संगठित अपराध के इस गढ़ को ध्वस्त करने के लिए टीम को तत्काल प्रभाव से ₹1.25 लाख का नकद पुरस्कार घोषित किया गया है।

पुलिस ने बताया कि अब इस रैकेट से जुड़ी बेनामी संपत्तियों की पहचान की जा रही है, जिन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत जल्द ही जब्त किया जाएगा।