प्रतापगढ़ में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम: आचार्य देवव्रत की कथा में भजनों पर झूमे श्रद्धालु

प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ क्षेत्र के नौढ़िया टोड़ी का पुरवा में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रविवार को भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। कथावाचक आचार्य देवव्रत ने व्यासपीठ से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का अत्यंत मनोहारी और विस्तृत प्रसंग सुनाया, जिसे सुनकर पंडाल में उपस्थित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तिभाव में डूब गए।

धर्म और नीति का प्रतीक अवतार:

जन्मोत्सव के अवसर पर अपने प्रवचन में आचार्य देवव्रत ने कहा कि सृष्टि के कल्याण के लिए भगवान समय-समय पर अवतार लेते हैं। उन्होंने कहा कि “जब-जब अधर्म बढ़ा, तब-तब भगवान ने लोक कल्याण के लिए अवतार लिया।” उन्होंने भगवान श्रीरामावतार को धर्म का और कृष्णावतार को नीति का प्रतीक बताया। आचार्य ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और नीति नियंता भगवान माधव बिहारी के अवतरण को सृष्टि के कल्याण का प्रतीक बताया।

जयकारों और भजनों से गूंजा पंडाल:

भगवान के जन्म की घोषणा होते ही समूचा पंडाल भक्तिमय हो गया। श्रीकृष्ण की मनमोहक झांकी सजाई गई। जन्म की घोषणा होते ही पंडाल “राधे कृष्ण” और “श्री हरि बोल” के जयकारों से गूंज उठा। आचार्य देवव्रत के मंत्रोच्चारण के बीच उपस्थित श्रद्धालु खुशी से झूम उठे और भजनों की धुन पर नाचते-गाते हुए अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

आयोजन में प्रमुख लोगों की सहभागिता:

इस पुनीत कार्यक्रम में संयोजक प्रधान उज्ज्वल शुक्ल ने व्यवस्था संभाली। चिकित्सक डॉ. नीरज शुक्ल, मनुज शुक्ल, सरोज, अजिता और दीक्षा ने व्यासपीठ का मंगलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया। अंकुर शुक्ल ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि आलोक शुक्ल ने सभी श्रद्धालुओं और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान विकास मिश्र, मोनू पांडेय, राकेश त्रिपाठी और अनिल महेश सहित कई गणमान्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।