सिद्धपीठ कोल्हमपुर धाम में आस्था का महाकुंभ, विशाल भंडारे में उमड़े लाखों श्रद्धालु

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या /गोंडा जनपद का सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ कोल्हमपुर धाम आज, 7 अक्टूबर 2025 को भक्ति और श्रद्धा के जनसैलाब का साक्षी बना। धाम परिसर में आयोजित एक विशाल धार्मिक भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। यह आयोजन धार्मिक उत्साह और सामाजिक समरसता की एक अद्भुत मिसाल बन गया। भक्तिमय हुआ वातावरण, गूंजे जयकारे सुबह होते ही, धाम की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर भक्तों की कतारें लगनी शुरू हो गईं। दूर-दराज के क्षेत्रों से आए इन श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर धैर्य और श्रद्धा के साथ प्रसाद ग्रहण किया। पूरा कोल्हमपुर धाम परिसर ‘जय माता की’, ‘जय श्री राम’ और ‘जय बजरंगबली’ के उद्घोषों से गूंज उठा। इन जयकारों ने पूरे वातावरण को पूरी तरह भक्तिमय और ऊर्जावान बना दिया। भक्तों का उत्साह चरम पर था और सभी ने अभूतपूर्व शांति व अनुशासन का परिचय देते हुए इस महाआयोजन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। आयोजकों ने किया सफल संचालन इस विशालकाय भंडारे के सफल आयोजन का श्रेय सिद्धपीठ कोल्हमपुर धाम के मुख्य आयोजक पंडित दीनदयाल माता जी एवं महंत राजन दास को जाता है। आयोजन को लेकर उन्होंने बताया कि यह भक्तों की अटूट आस्था और सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा को निरंतर बनाए रखने की एक पुनीत पहल है। महंत राजन दास ने कहा कि धाम की महिमा अपार है और यहाँ आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है। पंडित दीनदयाल माता जी ने सभी सहयोगियों और श्रद्धालुओं के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग और अनुशासन से यह आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो सका। भंडारे में शामिल होने के लिए भक्तों का आगमन सुबह से शुरू हुआ, जो देर शाम तक निरंतर जारी रहा। धार्मिक एकता और सौहार्द की मिसाल सिद्धपीठ कोल्हमपुर धाम पर आयोजित इस भव्य भंडारे ने एक बार फिर गोंडा जनपद में धार्मिक एकता और सामाजिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की। लाखों श्रद्धालुओं का एक साथ प्रसाद ग्रहण करना और जयकारे लगाना, यह दर्शाता है कि धार्मिक आयोजन किस प्रकार सामुदायिक बंधुत्व को मजबूत करते हैं। प्रशासनिक और स्थानीय सहयोग भी इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण रहा।