हिन्दी भाषा से ही हमारी पहचान, दुनिया ने दिया सम्मान-ओम प्रकाश आर्य

आर्य समाज में आयोजित हुई विचार गोष्ठी

बस्ती ( दैनिक अनुराग लक्ष्य ) हिन्दी दिवस के अवसर आर्य समाज नई बाजार बस्ती में वैदिक यज्ञ के साथ विचार गोष्ठी संपन्न हुई जिसमें उपस्थित बच्चों ने गीत, कविता, कहानी प्रस्तुत किया और शिक्षकों ने इसके महत्व पर प्रकाश डाला। ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने कहा कि हिन्दी भाषा से ही हमारी पहचान है अब पूरी दुनिया इसे सम्मान दे रही है। बताया कि स्वामी दयानन्द ने हिन्दी के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य किया है। स्वामी दयानन्द ने हमारे मुख्य धार्मिक ग्रंथ वेदों को संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद करने का इतिहास मे पहला बडा प्रयास किया था। इससे वेद जन सामान्य के लिए सर्व सुलभ ही नहीं हुए अपितु वेदों के नाम पर धर्म विरोधियों अज्ञानीयो द्वारा लगाए जा रहे आक्षेपो का उत्तर देने का सामर्थ्य भी भारतीयो में पैदा किया। स्वामी दयानन्द जी वह दिन देखना चाहते हैं जब कश्मीर से कन्याकुमारी और अटक से कटक तक देवनागरी अक्षरों का प्रचार होगा। यज्ञाचार्य नवल किशोर चौधरी कोषाध्यक्ष भारत स्वाभिमान ट्रस्ट हरिद्वार यूनिट बस्ती ने बताया कि महर्षि दयानंद ही सर्वप्रथम नेता थे, जिन्होंने भारतवासियों को बताया कि हिंदुस्तान के अखिल हिन्दुओं की राष्ट्र भाषा हिंदी है।

इस अवसर पर प्राणेश मिश्रा ने अपने हिंदी कविता *कोशिश करने वालों की हार नहीं होती* से सबका मन मोह लिया। इसके अलावा दृष्टि, राजेश्वरी गौतम, रिमझिम, यशस्वी गुप्ता आदि ने गीत कविता कहानी के साथ हिन्दी के गौरव को स्वीकार किया। राहुल आर्य प्रशिक्षक आर्य वीर दल दिल्ली प्रदेश ने आह्वान किया कि आइये! हिन्दी को मन वचन कर्म से अपनाने और प्रचार करने का संकल्प लें।

हमारा संकल्प हिन्दी को राज भाषा से राष्ट्र भाषा बनाने का हो। हर देश के प्रत्येक नागरिक की भाषा बनाने का हो।

इस अवसर पर महिमा आर्य, नीलम मिश्रा शताक्षी अश्कृता मिश्रा, परी, मानवी, राधा देवी, अविरल गुप्ता, विश्वनाथ, धर्मेन्द्र कुमार, अरविन्द साहू, उपेन्द्र शर्मा,शालिनी मिश्रा, परी जायसवाल, कृष्णा गौतम, पुनीत राज, राम तनय सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।