वाराणसी (उ.प्र.):काशी काव्य गंगा साहित्यिक मंच पंजीकृत की 170 वीं गोष्ठी संस्थापक अध्यक्ष भुलक्कड़ बनारसी के 66 वें जन्मदिन (07 सितंबर) के रूप में केक काटकर धूमधाम से मनाई गई।
वाराणसी, काशी काव्य गंगा साहित्यिक मंच पंजीकृत, वाराणसी की साप्ताहिक 170 वीं गोष्ठी रविवार को मेरे कार्यालय श्रीवास्तव म्युचुअल फंड, नियर हरिनगर कालोनी,चन्दुआ छित्तुपुरा में हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाई गई।
गोष्ठी की अध्यक्षता गंगा सहाय पाण्डेय वरिष्ठ समाज सेवी व कवियों के द्रोणाचार्य व निर्माता ने किया, मुख्य अतिथि श्री सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध,संचालन मिर्जापुर से पधारे श्री प्रकाश मिर्जापुरी ने किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के अध्यक्ष भुलक्कड़ बनारसी ने अपने स्वागत गीत के माध्यम से स्वागत व अभिनन्दन किया,तदोपरान्त सरस्वती बन्दना चन्दौली से पधारे अवधेश जी ने कर कार्यक्रम की शुरुआत किया।
गोष्ठी में उपस्थित कवियों और शायरों में हास्य व्यंग्य कवि भुलक्कड़ बनारसी, जयप्रकाश मिश्र धानापुरी, मुनींद्र श्रीवास्तव फुर्तीला, जितेंद्र श्रीवास्तव टोपी, मोहकम बनारसी,आशिक बनारसी, दिनेश दत्त पाठक, विजय चंन्द्र त्रिपाठी, खलील अहमद राही, सिद्धनाथ शर्मा, गोपाल केशरी, प्रकाश मिर्जापुरी, गंगा सहाय पाण्डेय, संजय कुमार बागी, प्रेम शंकर त्रिपाठी,अरबिंन्द उपाध्याय, रविकान्त मिश्र, विजय आनंद , बच्चा बिहारी, डा. छोटेलाल मनमीत, प्रवीण पाण्डेय, दीपक दबंग, तनवीर लोहतवी, वहीद इकबाल, जमाल बनारसी, अकरम रेवसाबी, संतोष कुमार प्रीत, रामरतन पाल, आनंद कृष्ण मासूम, व कुमार महेंद्र, अवधेश सिंह दास, इत्यादि रहे और अपना काव्य पाठ किए।
अंत में धन्यवाद ज्ञापित संस्था के अध्यक्ष भुलक्कड़ बनारसी ने किया उसके उपरांत अल्पाहार के बाद गोष्ठी को विश्राम दिया गया।