उन्मुक्त उड़ान मंच पर त्योहारों पर बढ़ता आडंबरः उचित या अनुचित? का हुआ आयोजन

उन्मुक्त उड़ान मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम में इस सप्ताह का समसामयिक विषय “त्योहारों पर बढ़ता आडंबर – उचित या अनुचित” रहा। इस विषय का निरूपण डॉ. अनीता राजपाल ‘अनु वसुंधरा’ ने किया, जिसके अंतर्गत 16 रचनाकारों ने अपने आलेख प्रस्तुत किए। सभी रचनाकारों ने त्योहारों की सार्थकता, उनकी प्रासंगिकता, आस्था और विश्वास की प्रतिबद्धता पर गंभीर चिंतन किया। अनावश्यक खर्चे और दिखावे वाली संस्कृति का पुरजोर विरोध करते हुए त्योहारों को मानव समाज और जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बताया गया। आलेखों में यह स्पष्ट किया गया कि त्योहार केवल व्यक्तिगत खुशी का माध्यम नहीं, बल्कि समाज के रिश्तों का ताना-बाना बुनते हुए परिवार और साथियों से जोड़ने का प्रयास करते हैं। इन्हें संस्कृति, परंपराओं और छोटी-छोटी खुशियों से जोड़ने की आवश्यकता है। मंच की अध्यक्षा एवं संस्थापिका डॉ. दवीना अमर ठकराल ‘देविका’ के कुशल मार्गदर्शन में यह आयोजन अपनी सार्थकता को प्रमाणित कर गया। इस अवसर पर डॉ. अनीता राजपाल अनु वसुंधरा’ वीरेंद्र जैन, वीना टंडन पुष्करा, रंजना बिनानी काव्य स्वरागिनी, अरुण ठाकर जिंदगी, डॉ दवीना अमर ठकराल देविका, प्रिया झा, डॉ अर्चना तिवारी, निशा कौल शर्मा, अनिल जैन, देवेश्वरी खंडुरी, मनजीभाई बावलिया, संजीव कुमार भटनागर ‘सजग’, सुनीता तिवारी, सुरेश सरदाना, अशोक दोशी ‘दिवाकर’, स्वर्णलता सोन ‘कोकिला’ ने सहभागिता की। सप्ताह का आरंभ आयोजन प्रभारी संजीव कुमार भटनागर सजग के विषय निरुपण में विश्व फोटोग्राफी दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम से हुआ। “तस्वीरों के झरोखे से” विषय पर 15 रचनाकारों ने अपनी यादों की ऐल्बम खोलकर पुरानी तस्वीरों को गीतात्मक वीडियो से जीवंत किया। डॉ दवीना ने सभी सहभागी रचनाकारों की रचनाओं को पढ़ कर समीक्षात्मक अभिव्यक्ति व स्वयं रचित भावाभिव्यक्ति भी निवेदित की। विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर अनु तोमर अग्रजा के प्रवर्तन में 29 रचनाकारों ने “बड़ों का आशीर्वाद – अनमोल निधि” विषय पर अपनी रचनाओं से मंच को भाव-विभोर कर दिया। गत सप्ताह स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एकल काव्य पाठ की समीक्षा 19 सृजनकारों ने अपने अनूठे अंदाज़ में प्रस्तुत की। उन्मुक्त उड़ान मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का संयोजन एवं सृजनात्मक सौंदर्यपूर्ण डिज़ाइन नीरजा शर्मा ‘अवनि’ और नीतू रवि गर्ग ‘कमलिनी’ ने किया। प्रत्येक आयोजन की सतत समीक्षा अशोक दोशी ‘दिवाकर’ तथा सुरेश चंद्र जोशी ‘सहयोगी’ द्वारा की गई, वहीं कृष्ण कान्त मिश्र ‘कमल’ और संजीव कुमार भटनागर ‘सजग’ ने रचनात्मक समालोचना एवं चयन कर विज्ञप्ति को विशिष्ट स्वरूप प्रदान किया।

डॉ. दवीना अमर ठकराल ‘देविका’ के शब्दों में – “यह आयोजन उन्मुक्त उड़ान मंच की उस दूरदर्शी सोच का प्रतिबिंब है, जहाँ साहित्य और साधना का संगम केवल आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त नहीं करता, बल्कि समाज में स्वास्थ्य-चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों की गहरी स्थापना भी सुनिश्चित करता है।”