आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद व उग्रवाद की चुनौती से सख्ती से निपटने के उद्देश्यों पर अडिग रहने का आह्वान करते हुए कहा, भारत आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
वह बींजिंग में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में नृशंस आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने इन तीनों चुनौतियों के अक्सर साथ आने की बात भी की। आतंकियों, प्रायोजकों, आयोजकों व वित्त पोषकों को जवाबदेह बनाने तथा न्याय के कठघरे में लाने की जरूरत पर भी बल दिया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बल दिया कि अशांत और बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के मद्देनजर संगठन को कुशलतापूर्वक कार्य करना होगा।
शी ने क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता की रक्षा व सदस्य देशों के विकास की बात भी की। इस सम्मेलन में दस अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के अतिरिक्त बीस से ज्यादा देशों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है जिनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के भाग लेने की भी चर्चा थी। मोदी इसमें शामिल होते हैं तो इसे गलवान गतिरोध के बाद भारत-चीन संबंधों में संभावित परस्परता, संबंधों में सुधार व कूटनीतिक नरमी के संकेत के रूप में लिया जा सकता है।
2023 में मोदी ने इस सम्मेलन में वचरुली शिरकत की थी जबकि बीते वर्ष उनकी अनुपस्थिति को घटते सामरिक महत्व से जोड़ कर देखा गया। हालांकि रूस कभी नहीं चाहता कि ऐसा कोई भी संगठन चीन के  प्रभुत्व वाला मंच बन जाए। इसमें पाकिस्तानी, रूसी व ईरानी विदेश मंत्री के भी शामिल होने की संभावनाएं हैं। यह भारत, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान व बेलारूस का प्रभावशाली आर्थिक व सुरक्षा समूह है।
अमेरिका से सीधा दो-दो हाथ करने वाले शी ने परोक्ष रूप से उस पर कटाक्ष करते हुए बहुध्रुवीय वि को बढ़ावा देने व उसकी धौंस का विरोध करने के लिए संयुक्त प्रयासों का भी आह्वान किया। बेशक, भू-राजनीतिक परिदृश्य में आ रहे बदलावों को देखते हुए रूस व चीन दुनिया के समक्ष अपनी ताकत का मुजाहिरा करने को बेताब हैं। एशिया के सभी प्रमुख देशों को अपनी प्राथमिकताओं का ख्याल रखते हुए आतंकवाद से जूझना है।
अमेरिका विरोधी रुखखासकर पश्चिमी देशों को सीधा टक्कर देने वाला रुख भारत का कभी नहीं रहा है। भारत आतंकवाद से निपटने को चुनौती के तौर पर देख रहा है, मगर वह अपनी वैिक छवि व कूटनीतिक चुनौतियों पर आंच नहीं आने देना चाहेगा।
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