लखनऊ,समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार में व्यापार और कारोबार पर ऐसा संकट छाया है, जो आर्थिक और सामाजिक आपातकाल से कम नहीं। उन्होंने इसे ‘नई तरह की इमरजेंसी’ करार देते हुए कहा कि भाजपा सरकार में आम व्यापारी, छोटे कारोबारी और एमएसएमई सेक्टर भारी संकट से गुजर रहे हैं, और उन्हें चौतरफा उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।यह बातें उन्होंने रविवार को लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी मुख्यालय में डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार में आयोजित समाजवादी व्यापार सभा की राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक और भामाशाह जयंती समारोह के दौरान कहीं। बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश में 35 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयां बंद हो चुकी हैं, जो बताता है कि व्यापारिक वातावरण पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े गिने-चुने बड़े कारोबारी ही मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि आम व्यापारी आर्थिक तंगी, कर्ज और सरकारी दबाव के बोझ तले दबा हुआ है।उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में व्यापारियों से चंदे के रूप में विशेष ‘नजराना’ वसूला जा रहा है। निवेश करने वालों से एडवांस कमीशन मांगा जा रहा है, और जीएसटी के नाम पर झूठी नोटिस भेजकर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों, खासकर कानपुर जैसे व्यापारिक नगरों में तो ‘सेटलमेंट पॉलिसी’ के नाम पर व्यापारियों की दुकानों के सामने महीनों पुलिस बैठा दी गई थी, ताकि वे दबाव में आकर पैसे दें।अखिलेश यादव ने इसे एक खतरनाक प्रवृत्ति बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार अब माफिया शैली में काम कर रही है। उन्होंने इसे माफिया पार्टी करार देते हुए कहा कि हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकार के हर ‘इंजन’ को ‘ईंधन’ चाहिए, और यह ईंधन व्यापारी और आम नागरिकों की जेबों से वसूला जा रहा है।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी, टैक्स और अन्य वसूली तंत्रों के चलते व्यापारी डरा हुआ है, उसकी ‘वर्किंग कैपिटल’ खत्म हो चुकी है और व्यापार चलाना लगभग असंभव हो गया है। बैंक से कर्ज लेने जाएं तो वहां भी दलाली की मांग होती है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर व्यापारी समाज की हरसंभव मदद की जाएगी, और उनके लिए एक सुरक्षित, सम्मानजनक वातावरण तैयार किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि जब-जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार रही है, व्यापार और निवेश को लेकर सकारात्मक फैसले हुए हैं।अखिलेश यादव ने भाजपा की नीतियों पर सीधा हमला करते हुए कहा कि आज प्रदेश में आमजन, खासकर व्यापारी, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और पत्रकार सभी असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की मंशा संविधान और सामाजिक समरसता को कमजोर करने की है, और वह समाज को आपस में बांटने वाली ताकतों के साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिन जिलों में अपराध चरम पर है, वहां सरकार अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही क्योंकि वे भाजपा से जुड़े हैं।कानून-व्यवस्था को लेकर उन्होंने मांग की कि भाजपा सरकार प्रदेश के टॉप 20 माफियाओं की सूची जारी करे, और जिलों के टॉप 10 माफियाओं के नाम सार्वजनिक करे। उन्होंने वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, इटावा, मैनपुरी, मिर्जापुर, कुशीनगर और अन्य जिलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सूची जारी होने से अपराध पर अंकुश लगेगा, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं करेगी क्योंकि उनके अधिकांश लोग खुद अपराधियों से जुड़े हैं।अखिलेश यादव ने धर्म और राजनीति के गठजोड़ पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “जो धर्म के नाम पर नफरत फैलाए, जो अन्याय करे, जो हत्या करे—वह सनातनी नहीं हो सकता।” उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा सनातन धर्म के नाम पर राजनीति करने की निंदा करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर जो अन्याय होता है, वह असल में धर्म का अपमान है।उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों के लगातार टूटने की घटनाओं पर भाजपा को घेरते हुए कहा कि यह दिखाता है कि भाजपा संविधान विरोधी पार्टी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म से डरते हैं क्योंकि ये दोनों मूल्य देश में बराबरी और न्याय सुनिश्चित करते हैं। भाजपा पूंजीपतियों की पार्टी है और उसका हर फैसला एक खास वर्ग के फायदे के लिए लिया जाता है।उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मोहम्मद आजम खां ने जिस यूनिवर्सिटी की स्थापना की, भाजपा सरकार ने उसे बंद कराने की साजिश रची, झूठे मुकदमे लादे। लेकिन अब मुख्यमंत्री खुद गोरखपुर में विश्वविद्यालय बनाकर उसके चांसलर बन गए हैं और सरकारी जमीनें भी विश्वविद्यालय में शामिल कर ली गईं। अगर आजम खां के विश्वविद्यालय की जांच हो सकती है तो मुख्यमंत्री की यूनिवर्सिटी की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।अखिलेश यादव ने अंत में कहा कि समाजवादी पार्टी संविधान, सामाजिक न्याय और व्यापारियों के सम्मान की रक्षा के लिए पूरी ताकत से लड़ेगी। भाजपा की नीतियों से जनता त्रस्त है और बहुत जल्द इसका जवाब देने को तैयार भी है।