अयोध्या।
श्री खोखरा हनुमान हरिहर धाम, मोरवी (गुजरात) की सुप्रसिद्ध संत महामंडलेश्वरी कनकेस्वरी देवी ने रामनगरी अयोध्या में आयोजित कथा कार्यक्रम में अपने दिव्य प्रवचनों से भक्तों के हृदय को भावविभोर कर दिया। उन्होंने कहा — “हम इस पावन धाम में राम की महिमा को गाने, सुनाने और समझने आए हैं। तीर्थ स्थलों पर केवल घूमने नहीं, बल्कि दर्शन और भक्ति की भावना से आना चाहिए। साधु-संन्यासी का जीवन तो भगवान के गुण गाने के लिए ही होता है।”
कनकेस्वरी देवी ने अपने जीवन के प्रारंभिक प्रसंगों को स्मरण करते हुए बताया कि उन्होंने अपनी पहली हिंदी अयोध्या मे ही की थी l उन्होंने कहा कि हर जीव को भगवान की भक्ति करने, उनके गुण गाने और उनके लिए जीने का अधिकार है। कथा के दौरान उन्होंने समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी गहन विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा “महिला तभी सशक्त है जब वह अपने महिला होने का गौरव समझती है। जब वह अपनी मर्यादा भूल जाती है, तभी अबला बन जाती है। शक्ति की रक्षा की आवश्यकता नहीं, शक्ति को स्वयं अपनी मर्यादा का ज्ञान होना चाहिए।” कार्यक्रम के संयोजक शारदा प्रभाकर देशमुख ने कहा कि “रामनगरी अयोध्या आकर प्रभु श्रीराम की कथा करना हमारा परम सौभाग्य है। यहां प्रभु श्रीरामलला, हनुमानगढ़ी और माता सरयू के दर्शन कर मन गदगद हो गया है। यह हमारे जीवन का सबसे पवित्र क्षण है।”इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और कनकेस्वरी देवी के प्रवचन सुनकर भावविभोर हो उठे। रामनगरी की पावन वायु में “जय श्रीराम” के उद्घोष गूंज उठे।