ग्राम चौपालों से गांवों में समाधान की नई परंपरा, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य की पहल से गांवों तक पहुंची सरकार

लखनऊ,उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में प्रदेश में ग्रामीण समस्याओं के त्वरित समाधान और सरकारी योजनाओं की निगरानी के लिए चल रही “ग्राम चौपाल” पहल ने एक नई मिसाल कायम की है। प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड की दो ग्राम पंचायतों में हर शुक्रवार को आयोजित की जा रही इन चौपालों से न केवल गांवों की समस्याओं का तत्काल समाधान हो रहा है, बल्कि सरकार और प्रशासन की सीधी पहुंच गांवों तक सुनिश्चित हो रही है।”गांव की समस्या—गांव में समाधान” की भावना के साथ चलाई जा रही इस मुहिम के तहत शुक्रवार को पूरे प्रदेश की 1271 ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालों का आयोजन किया गया। इन चौपालों में 2876 समस्याओं और प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। इन कार्यक्रमों में 3389 ब्लॉक स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी तथा 5503 ग्राम स्तरीय कर्मचारी उपस्थित रहे। साथ ही 61 हजार से अधिक ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी की।ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी के अनुसार, बीते ढाई वर्षों में अब तक 1 लाख 48 हजार से अधिक ग्राम चौपालों का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें 96 लाख से अधिक ग्रामीणों ने भाग लिया और 5 लाख से अधिक समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर किया गया।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्राम चौपालों का आयोजन पूरी तैयारी और गंभीरता से किया जाए। इसके तहत गांवों में साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है और चौपालों के बारे में प्रचार-प्रसार भी व्यापक रूप से कराया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण इसमें हिस्सा ले सकें। इन चौपालों में व्यक्तिगत समस्याओं के साथ-साथ सार्वजनिक और सामुदायिक मुद्दों का भी समाधान किया जा रहा है।ग्राम चौपालों से ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की वास्तविक स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन संभव हो रहा है। साथ ही स्वच्छता, पेयजल, सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पेंशन जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आई है।डबल इंजन सरकार का यह मॉडल अब गांवों में सरकार की उपस्थिति का जीवंत उदाहरण बन रहा है, जहां अधिकारी खुद लोगों के पास जाकर उनकी बात सुन रहे हैं और मौके पर समाधान दे रहे हैं। चौपालों से ग्रामीणों में सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ा है और जनकल्याण की योजनाएं अधिक प्रभावशाली रूप में धरातल पर उतर रही हैं।ग्राम चौपालों ने यह साबित किया है कि जब प्रशासन सीधे आमजन तक पहुंचे तो विकास की रफ्तार और समाधान की प्रक्रिया दोनों ही तेज हो जाती हैं।