मेरी कलम से ✍️
हर रिश्ता एक चिराग है,
इसको जलाए रखना।
यह एक आबाद गुल है
इसको खिलाए रखना।
हम रहे न रहे दुनिया में
हमारी याद दिल में बसाये रखना।
यह रिश्ता एक चिराग है,
इसको जलाए रखना।
हम भी चिराग जलाते
आये है ज़िन्दगी भर,
अंधेरों को भगाते रहे
चिरागो की रौशनी से।
तूफानों के थपेड़े देखे भी
वो भी बहुत सहे रास्तों पर
बुझने न दिया रिश्तों को
हवाओं के थपेड़ों से।
रिश्ते बनाते गए,
चिराग जलाते गए
संभालते गए रिश्तों को,
संभालते गए उन चिरागों को।
तुम बस सावधान थोड़ा रहना,
रिश्तों को संभालते रहना,
चिरागों को जलाते रहना।
रिश्तों को बचाते रहना,
चिरागों को संभालते रहना।
खुशी…..✍️