जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर।विकास खंड खलीलाबाद अंतर्गत ग्राम पंचायत तरैनी का दशकों पुराना पोस्ट ऑफिस अब अस्तित्व संकट से जूझ रहा है। हाल ही में डाक विभाग द्वारा इस पोस्ट ऑफिस को हटाकर नजदीकी गाँव इमिलडीहा में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस फैसले के खिलाफ तरैनी सहित आसपास के कई ग्राम पंचायतों में आक्रोश की लहर दौड़ गई है।
इस मुद्दे को लेकर जिला पंचायत सदस्य मास्टर राम सुरेश चौरसिया ने जिलाधिकारी संतकबीरनगर को एक पत्र सौंपते हुए मांग की है कि पुराने पोस्ट ऑफिस तरैनी को यथावत बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि यह पोस्ट ऑफिस पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत है और इसने ग्राम पंचायत तरैनी, धरमैनी, रिवाखोर, चमरसन, टिकरी, मझगांवां बाजार सहित इमिलडीहा के नागरिकों को डाक सुविधा प्रदान की है।
श्री चौरसिया ने बताया कि पोस्ट ऑफिस स्थानांतरित होने से क्षेत्रीय जनता को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट व अन्य दस्तावेजों में पता परिवर्तन कराना अनिवार्य हो जाएगा, जो समय, पैसा और मेहनत तीनों की बर्बादी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय डाक अधीक्षक बस्ती के गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण लिया गया है, जिससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। उनका सुझाव है कि यदि इमिलडीहा में डाकघर खोलना ही है, तो उसे नया पोस्ट ऑफिस बनाकर स्थापित किया जाए, लेकिन पुराने पोस्ट ऑफिस तरैनी को समाप्त न किया जाए।
क्षेत्रीय जनता और ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने भी मास्टर राम सुरेश चौरसिया के नेतृत्व में मांग की है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द पोस्ट ऑफिस तरैनी को बहाल किया जाए।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस जनभावना को किस हद तक सुनता है और ग्रामीणों की मांगों पर क्या कदम उठाता है।