महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या धाम। रामकोट, अयोध्या श्री मिथिला संत सेवा आश्रम, रामकोट, अयोध्या में भगवान के द्वितीय वर्षगांठ का वार्षिक उत्सव बड़े ही भव्य और उत्साहपूर्ण तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें अयोध्या के हजारों साधु-संतों और गृहस्थों ने प्रसाद ग्रहण कर स्वयं को कृतार्थ किया। आश्रम के महंत रामदास जी महाराज के अथक प्रयासों और उत्साहपूर्ण नेतृत्व में यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा। प्रातः काल से ही आश्रम परिसर में भक्तों और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भगवान की विशेष पूजा-अर्चना और आरती के साथ उत्सव का शुभारंभ हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। दोपहर में आयोजित विशाल भंडारे में अयोध्या के विभिन्न अखाड़ों, मठों और मंदिरों से पधारे साधु-संतों ने पंक्तिबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान आश्रम के स्वयंसेवकों ने पूरी निष्ठा और सेवा भाव से सभी की आवश्यकताओं का ध्यान रखा। साधु-संतों के साथ-साथ अयोध्या नगरी के हजारों गृहस्थों ने भी इस पावन भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ कमाया।
महंत रामदास जी महाराज ने इस अवसर पर सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान की कृपा से ही यह आयोजन संभव हो सका। उन्होंने कहा कि श्री मिथिला संत सेवा आश्रम सनातन धर्म और संत परंपरा की सेवा के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने समाज में सद्भाव, शांति और धर्मनिष्ठा के प्रसार पर जोर दिया।
इस भव्य आयोजन से अयोध्या नगरी में एक बार फिर धार्मिक उत्साह और आध्यात्मिकता का संचार हुआ। उपस्थित सभी भक्तों ने आश्रम के प्रयासों की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की आशा व्यक्त की। यह वार्षिकोत्सव न केवल भगवान की द्वितीय वर्षगांठ का प्रतीक था, बल्कि यह संत-सेवा और समाज सेवा के प्रति आश्रम की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण था।