कांग्रेस नेताओं ने न्याय की देवी अहिल्याबाई होलकर को जयंती पर याद किया

युगों तक याद किया जायेगा अहिल्याबाई होलकर का योगदान- विश्वनाथ चौधरी

बस्ती ( दैनिक अनुराग लक्ष्य ) शनिवार को जिला कांग्रेस कार्यालय पर होलकर वंश की महारानी अहिल्याबाई होलकर को उनकी 300 वीं जयन्ती पर याद करते हुये नमन् किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ चौधरी ने कहा कि जब देश में सती होने की कुप्रथा हुआ करती थी, उस दौर में अहिल्याबाई होलकर ने होलकर वंश कमान संभाली। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी प्रजा को अपनी संतान से भी ज्यादा प्यार किया। न्याय ऐसा कि अपने बेटे की गलती के लिए उसे मौत की सजा सुना दी। उन्हें लोग लोकमाता कहकर संबोधित करते थे। उनका सादगीपूर्ण जीवन, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के लिए समर्पण ऐसा था कि उन्हें द फिलॉसफर क्वीन की उपाधि दी गई। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।

कोआर्डिनेटर आशिफ रिजवी, पूर्व अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’, गिरजेश पाल, अवधेश सिंह, रफीक खान, राकेश पाण्डेय ‘गांधियन, संदीप श्रीवास्तव आदि ने कहा कि अहिल्याबाई ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी काफी काम किया। उन्होंने महिलाओं के संपत्ति का अधिकार दिया साथ ही उन्हें सशक्त बनाने के लिए अस्त्र शस्त्र की शिक्षा भी दी। 18वीं शताब्दी में, मालवा की महारानी के रूप में, धर्म का संदेश फैलाने में और औद्योगीकरण के प्रचार-प्रसार में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था। आज वे व्यापक रूप से अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और प्रशासनिक कौशल के लिए जानी जाती हैं। 31 मई 1725 को जामखेड, अहमदनगर (महाराष्ट्र) के चोंडी गाँव में जन्मी अहिल्या, एक साधारण परिवार से थीं। उनके पिता मनकोजी राव शिंदे, ग्राम प्रधान थे जिन्होंने उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाया था।उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।

अहिल्याबाई होल्कर को उनके 300 वीं जयन्ती पर नमन करने वालों में मुख्य रूप से अतीउल्ला सिद्दीकी, गंगा प्रसाद मिश्र, शौकत अली नन्हू, लालजीत पहलवान, सुनील पाण्डेय, राजेन्द्र गुप्ता, राहुल चौधरी, विनय तिवारी, अलीम अख्तर, सोमनाथ संत, शकुन्तला देवी, शेर मोहम्मद, रामधीरज चौधरी, सर्वेश शुक्ल, मो. अशरफ, दिलीप कुमार के साथ ही कांग्रेस के अनेक कार्यकर्ता शामिल रहे।