मेरी मृत्यु होगी तब क्या होगा…?,
अर्थी पर लेटा रहे होंगे,
श्मशान ले जा रहे होंगे,
चिता में समाहित कर रहे होंगे,
क्या होगा अंतिम संस्कार के बाद…?
हर कोई शुद्ध होने में व्यस्त होगा,
आते जाते नए लोगों का तमाशा होगा।
कुछ देर बाद रोना धोना बंद होगा,
कुछ दिनों बाद मेरी बातें बंद होगी,
मेरे अपने ही रिश्तेदारों के खाने पीने…
की व्यवस्था करने व्यस्त हो जाएंगे,
मेरे उसी घर में मेरे अपने ही चाय की…
चुस्की के साथ वर्तमान परिदृश्य पर…
चर्चा करना शुरू कर देंगे,
मेरे रिश्तेदार, यार दोस्त, बनावटी गैर…
मेरे अपनों को कॉल करेंगे,
मुकेश की मृत्यु से भी बड़ी…
आपात स्थिति में फंसे थे…
इसलिए आ न पाए,
अब भला मृत्यु से भी बड़ी…
कैसी आपात स्थिति…?
मेरी गैर मौजूदगी को भरने…
मेरे सभी अपने नए रिश्ते…
गूंथने लग जाएंगे,
बस पीड़ा में रहेगी तो मेरी आत्मा,
एक दो महीने बाद मेरा परिवार मेरी…
ही फोटो के सामने हंसी मजाक कर…
रहा होगा,
फिर सिर्फ श्राद्ध पर ही मेरे…
अफसाने गाए जाएंगे,
बाकी उनकी यादों से ही…
छूमंतर कर दिया जाऊंगा,
मेरे यार दोस्त कुछ दिन मेरे घर आते रहेंगे,
पर इक रोज वे लोग उसी शैतान…
चौकड़ी चाय की थड़ी पर चाय की…
चुस्की लेते नजर आएंगे।
जो रिश्ते बाहर के बने थे,
वो तो याद तक न करेंगे,
पर सोचेंगे जरूर अब…
मुकेश नहीं तो कोई और ही सही,
जब वो मुझे इतना जल्दी भुला सकते हैं,
तो जिंदा रहते क्यों चिंता की चिता में जल रहा था मैं…?
जिंदा रहते रहते मैं सोचता रहा…
कि लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे,
अरे दुनियां बड़ी जालिम है जनाब…
यहां दर्द के सिवा सब कुछ बिकता है…!!!
यह मेरा ही सभी का पैमाना होगा…
स्वरचित
मुकेश कविवर केशव सुरेश रूनवाल