लखनऊ, राजधानी लखनऊ में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के बीच साइबर क्राइम सेल हजरतगंज ने एक उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। ठगी का शिकार हुए एक स्थानीय व्यक्ति को साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए न केवल राहत दी, बल्कि उसके खाते से धोखाधड़ी कर निकाली गई संपूर्ण राशि वापस भी दिला दी।यह मामला सूर्य नगर, थाना पारा निवासी जगदम्बा प्रसाद का है। उन्होंने 6 नवंबर 2024 को साइबर क्राइम सेल, हजरतगंज में एक शिकायत दर्ज कराई थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के बहाने कॉल कर उनके खाते से ₹99,045 की रकम ठग ली। जैसे ही उन्हें धोखाधड़ी का आभास हुआ, उन्होंने तत्क्षण बैंक और साइबर क्राइम सेल को सूचना दी।शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस आयुक्त लखनऊ के निर्देश और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), पुलिस उपायुक्त (अपराध) एवं अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) के मार्गदर्शन में कार्यवाही शुरू की गई। सहायक पुलिस आयुक्त साइबर क्राइम के पर्यवेक्षण और प्रभारी निरीक्षक रत्नेश सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने तत्काल मामले की जांच शुरू की।प्रकरण की विवेचना में जुटी टीम ने तकनीकी विश्लेषण, बैंक पत्राचार और अन्य डिजिटल साक्ष्यों के माध्यम से धोखेबाजों के बैंक खाते की जानकारी जुटाई। तत्पश्चात विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम) लखनऊ के आदेश पर फर्जी खाते को फ्रीज कराकर ठगी की रकम ₹99,045 शिकायतकर्ता के यूको बैंक खाते में वापस स्थानांतरित कराई गई।यह कार्रवाई उपनिरीक्षक अरविंद कुमार यादव, उपनिरीक्षक किशोर कुमार, मुख्य आरक्षी धीरेन्द्र सिंह और मुख्य आरक्षी शिववीर सिंह की संयुक्त मेहनत से संभव हो सकी।अपना पैसा वापस पाकर जगदम्बा प्रसाद अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने साइबर क्राइम सेल एवं पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए उनका आभार जताया।साइबर क्राइम सेल ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें, बैंक संबंधी किसी भी जानकारी जैसे खाता संख्या, कार्ड नंबर, ओटीपी आदि किसी से साझा न करें और किसी भी स्क्रीन शेयरिंग एप्लिकेशन को डाउनलोड करने से बचें।यह कार्रवाई लखनऊ पुलिस की साइबर अपराधों के प्रति संवेदनशीलता, तकनीकी दक्षता और आमजन को न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता का परिचायक है।