दस दिवसीय ग्रीष्मकालीन रामायण अभिरुचि चित्रकला कार्यशाला का समापन प्रभु श्री राम के चारित्रिक गुणों के वर्णन एवं जयकारों के साथ हुआ सम्पन्न

टांडा, अंबेडकर नगर । प्राथमिक विद्यालय चिंतौरा, टांडा अंबेडकर नगर में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन रामायण एवं वेद अभिरुचि चित्रकला कार्यशाला के दसवें दिन आज दिनांक 15 मई को

आयोजित रामायण चित्रकला कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय श्री हरि गोविन्द सिंह एवं यूथ आइकान अंबेडकर नगर श्री प्रवीण गुप्ता जी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। ग्रीष्मकालीन रामायण अभिरुचि कार्यालय के समापन के अवसर पर श्री हरि गोविन्द सिंह जी ने कहा कि भगवान राम का चरित्र व आदर्श अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।

समुद्र पर सेतु निर्माण की चित्र प्रदर्शनी पर मुख्य अतिथि ने बताया कि सभी के सहयोग से ही किसी महान कार्य का निष्पादन संभव है।

आसुरी प्रवृत्तियों का नाश करना धर्म है, राष्ट्र की प्रगति में जो बाधा हो उसे मिटा देना चाहिए। विद्यालय के प्रधानाचार्य निमेष जायसवाल ने कहा कि भगवान राम की पिता के प्रति आज्ञा पालन की प्रतिबद्धता, प्रजा के प्रति दया, गुरु के प्रति सेवा, माता के प्रति भक्ति व अन्य सभी गुणों व आदर्शों को छात्र- छात्राओं को अपने जीवन में उतारना चाहिए, इसी से समाज व देश का कल्याण होगा। प्रतिभागी भैया बहनों ने मुख्य अतिथि के सम्मुख अपने द्वारा बनाए चित्रों को प्रदर्शित किया। कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा भैया बहनों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। मुख्य प्रशिक्षक सुश्री अम्बरीन मंसूर ने बताया कि इन दस दिनों में हमारे भैया बहनों ने प्रभु श्री राम के चरित्र को अपने जीवन में उतारने का प्रण किया है।कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रशिक्षक ऐश्वर्या ने किया। इस अवसर पर सुमन भारती,सुमन मौर्या, लीलावती,संगीता वर्मा एवं अर्चना,सुनीता, इंद्रावती देवी,सुदामा,विनोद कुमार गुप्त, गुड़िया,मंजू देवी आदि मौजूद रहे।