छिछोरापन है ये कोई कमाल थोड़ी है।

हमारे चेहरे पे इतना जलाल थोड़ी है,
हमारा चेहरा ये गुस्से से लाल थोड़ी है।

किसी के साथ रहें और उस से घात करें,
छिछोरापन है ये कोई कमाल थोड़ी है।

नदीम अब्बासी ‘नदीम’
गोरखपुर।