जालौन में प्रदेश का पहला सेंटर पीवोट सिंचाई सिस्टम शुरू

लखनऊ/जालौन/महोबा/ललितपुर,। उत्तर प्रदेश सरकार की आधुनिक कृषि एवं सिंचाई को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी पहल सामने आई है। उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नव्व दिनेश प्रताप सिंह ने मुख्य सचिव नव्व मनोज कुमार सिंह के साथ शनिवार को जालौन में सेंटर पीवोट इरीगेशन सिस्टम के पायलट प्रोजेक्ट का स्थलीय निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने महोबा व ललितपुर में चल रही स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजनाओं का भी जायज़ा लिया। दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि जालौन में स्थापित यह प्रदेश का पहला सेंटर पीवोट इरीगेशन सिस्टम है, जो जल संरक्षण, उच्च गुणवत्ता वाली फसलों और क्षेत्रीय किसानों की आयवृद्धि में सहायक सिद्ध होगा। इस पद्धति से 30 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा रही है और 26 किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस तकनीक के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाए और अन्य जिलों में भी इसे लागू करने की योजना बनाई जाए।मुख्य सचिव नव्व मनोज कुमार सिंह ने परियोजना की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रणाली कृषि क्षेत्र में नवाचार का प्रतीक है, जिससे किसानों की उत्पादन क्षमता और आय दोनों में वृद्धि संभव है। उन्होंने इसके विस्तार की संभावनाओं पर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए।इसके उपरांत, मंत्री और मुख्य सचिव ने बुंदेलखंड के महोबा (कुलपहाड़) व ललितपुर (शहजाद बांध) में संचालित स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजनाओं का भी निरीक्षण किया। इन दोनों परियोजनाओं से कुल 4440 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है और अब तक 2600 से अधिक कृषक लाभान्वित हो चुके हैं। दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य प्रत्येक किसान को आधुनिक सिंचाई प्रणाली से जोड़कर न केवल उसकी आय में बढ़ोतरी करना है, बल्कि क्लस्टर खेती और कृषि निर्यात को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की योजनाएं सामुदायिक खेती की अवधारणा को मजबूत करती हैं और क्षेत्रीय कृषि को वैश्विक मानकों तक ले जाती हैं।