Basti
आम के बौर को कीटों से बचाव के लिए उद्यान विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें किसानों को दवाओं के छिड़काव के साथ ही अन्य सावधानी भी बरतने की सलाह दी गई है। आम के बौर पर लगने वाले प्रमुख कीटों में पुष्प गुच्छ मिज गुजिया, झुलसा और भुनगा शामिल हैं।
इन कीटों से बचाव के लिए किसान डायमेथोएट कार्बोसल्फान मेन्कोजेब कार्बेन्डाजिम और ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोबिन टेयूकोनाजोल का छिड़काव कर सकते हैं। विभाग के योजना प्रभारी भानुप्रताप तिवारी ने बताया कि जनपद के आम उत्पादकों को दवाओं के छिड़काव के साथ ही अन्य सावधानी भी बरतनी होगी। पिछले कुछ वर्षों में आम जिले में रकबा बढ़ा है। आम की फसल बौर आने से पहले कीट का खतरा बढ़ रहा है। इसको देखते हुए उद्यान विभाग की ओर से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का वेग अधिक न हो तब करना चाहिए अथवा हवा चलने की विपरीत दिशा में खड़े होकर करना चाहिए। उन्होंने किसानों से कहा कि आम के तना भेदक के अतिरिक्त आम के बौर व पत्ते पर झुलसा, गुजिया व भुनगा का अटैक हो सकता है। समय से उपचार न किए जाने पर फसल को नुकसान हो सकता है। बागवानों को यह भी सलाह दी जाती है कि बागों में जब बौर पूर्ण रूप से खिला हो तो उस अवस्था में कम से कम रासायनिक दवाओं का छिड़काव किया जाए, जिससे पर-परागण क्रिया प्रभावित न हो सके।
काले धब्बे के रूप में दिखाई देता है कीट
पुष्प गुच्छ मिज बौर के शुरुआती दौर में नुकसान करता है। सर्वाधिक क्षति बौर व नन्हे फलों पर देखी जाती है। यह बौर के डंठल, पत्तियों की शिराओं या तने पर कत्थई व काले धब्बे के रूप में दिखाई देता है। धब्बे के मध्य भाग में छोटा सा छेद होता है। प्रभावित बौर व पत्तियों की आकृत्ति टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है। प्रभावित स्थान से आगे के बौर सूख भी सकता है। इसके बचाव के लिए डायमेथोएट (30 प्रतिशत सक्रिय तत्व) 2.0 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। इसी तरह गुजिया कीट भी बौर और पत्तियों तक पहुंच गया हो तुरंत निदान करना चाहिए। पेड़ के तने के पास भूमि तल पर कीट नाशक डालें। यदि कीट बौर और पत्तियों तक पहुंच गया हो तो कार्बो सल्फान 25 ईसी का 2 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें