बस्ती। सोमवार को सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष नरेन्द्र बहादुर उपाध्याय की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय के निकट 2 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। मांग किया कि राशिकरण के धनराशि की वसूली 10 वर्ष पर बन्द करने, अधिक वसूली की गई धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस करने , पेंशनर को अवधि के आधार पर पेंशन में बढोत्तरी किये जाने सहित अन्य समस्याओं का प्रभावी समाधान कराया जाय।
एसोसिएशन जिलाध्यक्ष नरेन्द्र बहादुर उपाध्याय ने कहा कि राशिकृत पेंशन की वसूली 10 वर्ष बाद न किये जाने, उम्र 65, 70 और 75 वर्ष पर 5, 10, 15 प्रतिशत पेेंशन में बढोत्तरी किये जाने की मांग को लेकर संघर्ष जारी है। शासन स्तर पर अभी तक शासनादेश जारी न किया जाना चिन्ताजनक है।
धरने को सम्बोधि करते हुये जिला मंत्री उदय प्रताप पाल ने कहा कि पेंशन से राशिकरण की कटौती 10 वर्ष पर बंद करने हेतु शासनादेश जारी न किये न जाने के कारण प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर बस्ती समेत समूचे प्रदेश में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया है। उन्होने 50 प्रतिशत से अधिक मंहगाई होने पर उसे पेंशन में मर्जर कर अनुषांगिक लाभ दिये जाने पर जोर दिया । धरने में शासनादेश के अनुसार पेेंन्शनर्स कक्ष में सुविधा उपलब्ध कराये जाने की मांग किया गया।
बैठक को चन्द्र प्रकाश पाण्डेय, सुरेशधर दूबे, प्रेमशंकर लाल, ई. रामचन्द्र शुक्ल, सुरेन्द्रनाथ उपाध्याय, मुनीशचन्द्र श्रीवास्तव, ई. देवी प्रसाद शुक्ल, रामधीरज यादव आदि ने सम्बोधित करते हुये अधिकारों के लिये संघर्ष का आवाहन किया।
यह जानकारी देते हुये एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी एल.के. पाण्डेय ने बताया कि धरने में राशिकरण के धनराशि की वसूली 10 वर्ष पर बन्द करने, अधिक वसूली की गई धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस करने , पेंशनर को अवधि के आधार पर पेंशन में बढोत्तरी किये जाने का मुद्दा छाया रहा।
बैठक में चन्द्र प्रकाश पाण्डेय, राधेश्याम तिवारी, श्रीगोपाल त्रिपाठी, देवनरायन प्रजापति, प्रेमप्रकाश मिश्र, जयनाथ सिंह, डा. अंगिरा प्रसाद, ओम प्रकाश मिश्र, छोटेलाल यादव, सुरेशधर दूबे, शीतल प्रसाद पाण्डेय, दिनेश चन्द्र पाण्डेय, मनोज कुमार श्रीवास्तव, डा. नरेन्द्र उपाध्याय, धर्म प्रकाश उपाध्याय, सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव, शिवचन्द्र मिश्र, परमेश्वरी दयाल सिंह, जंग बहादुर, राम यज्ञ, राम प्रसाद त्रिपाठी, सत्यनाम सिंह, ई. रामचन्द्र शुक्ल, राधेश्याम त्रिपाठी, ई. देवी प्रसाद शुक्ल, सुरेन्द्रनाथ उपाध्याय, छोटेलाल यादव, प्रेम प्रकाश मिश्र, देव नरायन प्रजापति आदि शामिल रहे।