व्यक्तित्व एवं कृतित्व:: सुधीर श्रीवास्तव  (दादा) जी

सूरज_जैसे आप हैं हम हैं दीपक तुच्छ

क्या अर्पित आपको करें, भेंट में भावों के पुष्प।

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनीं , कुशल मार्गदर्शक, समीक्षक, विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर, व्यंग्यात्मक शैली के प्रबुद्ध लेखक, कुशल नेतृत्वकर्ता, विनम्रता के परिचायक, हमारे गुरुदेव आ० सुधीर श्रीवास्तव  दादा जी आपकी गुरु पिता स्वरूप छवि को नमन वंदन करती हूं।  आ० दादा जी आप  बहुत ही सरल, सहज, शालीन है और आप  हम बच्चों का मार्गदर्शन निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं। आप अपना सहयोग, स्नेह और आशीष बहुत सारे मंच पटलों को देते रहें। विभिन्न मंच पटलों पर मार्गदर्शक, अधीक्षक, अध्यक्ष, मीडिया प्रभारी, संरक्षक, सचिव इत्यादि भूमिकाएं निस्वार्थ भाव से निर्वहन कर रहे हैं। आप अपना सहयोग प्रदान करते रहें।
नेत्रदान और देहदान का संकल्प लेकर, आप वर्तमान में पिछले कुछ समय से शारीरिक कष्टों से जूझ रहे हैं फिर भी आप अपने दुःख कष्टों को  दरकिनार कर सभी के मार्गदर्शन के सदैव तत्पर रहते हैं।
जब भी कोई मुश्किल आती है आप उस समस्या का समाधान देकर समस्याएं दूर कर देते हैं।
विभिन्न मंच पटलों से आपको अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं जिन्हें शब्दों में लिखना मुश्किल है।
कान्हा जी आपको हमेशा स्वस्थ रखें और यूं हीं हंसते मुस्कुराते रखें और आप हम सभी पर अपने ढेर सारे प्यार दुलार स्नेहिल आशीर्वाद की वर्षा हम पर करते रहें । हम सभी आपकी लेखनी से उद्धृत अनमोल कृतियों का रसास्वादन करते रहे दादा जी।
कान्हा जी का बारंबार धन्यवाद करती हूं कि दादा जी आपके जैसे विराट व्यक्तित्व का हमें सानिध्य प्राप्त हुआ, मां सरस्वती की अपार अनुकंपा सदैव आप पर बरसती रहे। आप एक कल्प वृक्ष की भांति हैं। कान्हा जी आपको पूर्ण रुप से शीघ्रातिशीघ्र स्वस्थ करें।
कान्हा जी से प्रार्थना है कि बहु आयामी व्यक्तित्व की धनीं आ० दादा जी आपके दिव्य दर्शन हमें अवश्य प्राप्त हों।

है शब्दों में इतना जोर नहीं, कैसे व्यक्त करें हम मन के उद्गार,
आप अपनी अल्पज्ञ अदना सी बेटी का अभिवादन करिए स्वीकार।

एकता गुप्ता ‘काव्या’
उन्नाव उत्तर प्रदेश

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