– आईजीआरएस में फिर डिफाल्टर पाए जाने पर हुई कार्रवाई
– जनशिकायतों के गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण न करने की हर दिन हो रही समीक्षा
बस्ती। आईजीआरएस प्रणाली अन्तर्गत प्राप्त प्रार्थना-पत्रों की अपर जिला कलक्टेर कमलेश बाजपेयी की ओर से हर दिन समीक्षा कर डिफाल्टर अधिकारियों पर डीएम प्रियंका निरंजन के निर्देश पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एडीएम एफआर की समीक्षा के दौरान 15 प्रकरण डिफाल्टर की श्रेणी में पाई गए हैं। ज्ञात होने पर एसडीएम व तहसीलदार हर्रैया समेत नौ अधिकारियों को शो-काज नोटिस जारी किया है। अपर जिलाधिकारी ने इस स्थिति पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि तत्काल सभी लम्बित प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण कराया जाय। उन्होंने स्पष्ट किया कि डिफाल्टर विभागों के अधिकारी तत्काल लम्बित प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण सुनिश्चित करायें अन्यथा कठोर कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। कहा कि आईजीआरएस प्रणाली से प्राप्त होने वाले प्रार्थना-पत्रों के निस्तारण की गुणवत्ता की जांच परख शासन स्तर पर नियमित रूप से की जाती है। इसलिए सभी लोग निस्तारण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, और समयान्तर्गत प्राप्त प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि नियमित रूप से स्वयं आईजीआरएस पोर्टल का अवलोकन करते रहें।
इन अधिकारियों को जारी हुई शो-काज नोटिस
आईजीआरएस प्रणाली के तहत लापरवाह पाए अधिकारियों में एसडीएम हर्रैया के पास दो डिफाल्टर, तहसीलदार हर्रैया के पास भी दो, डीपीआरओ के दो, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, एक्सईएन विद्युत खंड प्रथम, सहायक निदेशक रेशम, पशु चिकित्साधिकारी दुबौलिया व एडीओ पंचायत बस्ती सदर के एक-एक मामले डिफाल्टर की कटेगिरी में शामिल हैं। इन अधिकारियों के कृत्य को शासकीय कार्य में घोर लापरवाही मानी जा रही है। तीन दिन के भीतर इनसे जवाब-तलब किया गया है।