चुनाव खर्च का ब्योरा देने के बाद ही मिलेगी जमानत की धनराशि

– राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी हुई नई गाइडलाइन

– जब्त की गई जमानत धनराशि शासकीय लेखाशीर्षक में होगी जमा

– जीते के नहीं, पर हारे प्रत्याशी को 1/5 प्रतिशत वोट पाना भी जरूरी

बस्ती, निज संवाददाता। नगरीय निकाय निर्वाचन के प्रत्याशियों की जमानत की धनराशि तब तक वापस नहीं की जाएगी जब तक वे चुनाव खर्च का विवरण जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत नहीं करेंगे। अपर जिला मजिस्ट्रेट कमलेश बाजपेयी ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की जमानत की धनराशि की वापसी / जब्ती के संबंध में निर्देश जारी किया गया है। प्रत्याशी की जमानत धनराशि तब तक वापस नहीं की जाएगी, जब तक उनकी ओर से निर्वाचन में किए गए व्यय का विवरण निर्वाचन परिणाम की घोषणा के तीन माह के अंदर दाखिल नहीं कर दिया जाता।

 

चुनाव खर्च के हिसाब के साथ कुल वैध वोटों के 1/5 अंश पाना जरूरी 

जिन प्रत्याशियों की ओर से निर्धारित अवधि के अंदर व्यय विवरण के साथ जमानत धनराशि की वापसी का प्रार्थना पत्र नहीं दिया जाएगा उनकी जमानत धनराशि जब्त कर ली जाएगी। बताया कि उस प्रत्याशी की जमानत की धनराशि वापस नहीं की जाएगी, जिसने मतदान में पड़े कुल वैध वोटों के 1/5 अंश से कम वोट प्राप्त किए हों। हालांक निर्वाचित घोषित हुए प्रत्याशी पर कुल वैध वोटों के 1/5 अंश से कम मत प्राप्त करने का कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

 

तीन माह में नहीं दिए हिसाब तो लेखा शीर्षक में जमा होगी जमानत राशि

राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रत्याशियों को निर्देश दिया कि निर्वाचन परिणाम की घोषणा के तीन माह के अंदर चुनाव खर्च का विवरण एवं जमानत वापसी के लिए प्रार्थना पत्र जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत करें। अन्यथा की स्थिति में जमानत धनराशि को जब्त करते हुए शासकीय प्राप्ति लेखाशीर्षक में जमा कर दी जाएगी।

 

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