छंद बद्ध भारतीय संविधान हुआ लोकार्पित, कानपुर के बेसिक शिक्षक को मिला वर्ल्ड रिकॉर्ड सहभागी सम्मान 

नईदिल्ली::विश्व के सभी देशों में संविधान अभी तक केवल गद्य रूप में ही उपस्थित था,पद्य रूप में नहीं। परंतु भारत के साहित्यकारों ने अपने भारत देश के संविधान को दोहा और रोला छंदों में परिवर्तित करके एक नया विश्व कीर्तिमान हासिल किया है। 9 जूदिल्ली का हिंदी भवन स्वयं में गदगद हो उठा जब उसके आंचल में  विश्व के सबसे बड़े संविधान को दोहा रोला जैसे छंदों में सजा करके ‘छंद बद्ध भारतीय संविधान’ पुस्तक का विमोचन किया गया। आपको बता दें भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है।इसको पद्य रूप में रूपांतरित करने के लिए देश विदेश के 142  चुने हुए साहित्यकारों की टीम डॉ ओमकार साहू मृदुल, डॉ मधु शंखधर व डॉ  सपना दत्ता की अगुआई में बनाई गई।

जिसमें कानपुर के बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक व साहित्यकार ओम प्रकाश श्रीवास्तव “ओम” को भी अनुच्छेद 39 से 41 तक  की संवैधानिक भाषा को दोहा और रोला में परिवर्तित  करने की जिम्मेदारी दी गई। जिसे

बड़े ही उत्साह व कड़ी मेहनत के साथ सभी 142 साहित्यकारों ने भारतीय संविधान को एक वर्ष में पद्य रूप में परिवर्तित करने में सफलता प्राप्त की।

मूल संविधान के 395 अनुच्छेद,12 अनुसूचियों को 2110 दोहों, 422 रोलों, 24 अन्य छंद में रूपांतरित किया गया है।

आज  मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व संसद सदस्या,पूर्व विदेश मंत्री एवं सांस्कृतिक राज्य मंत्री, भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी,वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार चेतन आनंद,पूर्व न्यायाधीश डॉ संतोष खन्ना, डॉ सुरेश सिंह प्रियदर्शी (पुलिस प्रशासनिक अधिकारी गृह मंत्रालय)वरिष्ठ साहित्यकार पद्म श्री डॉ श्याम सिंह शशि,गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमुख आलोक कुमार, आजतक न्यूज चैनल के एडिटर पंकज शर्मा,बिलासा छंद महालय के संस्थापक रामनाथ साहू के कर कमलों द्वारा इस पावन ग्रंथ को लोकार्पित किया गया।

सभी सम्मानित हस्तियों ने इस विशिष्ट कार्य की सराहना करते हुए कृति को विशिष्ट एवम अति उपयोगी बताया।

कानपुर के बेसिक शिक्षक व साहित्यकार ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम को इस पुनीत कार्य में विशिष्ट सहयोग के गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से सम्मानित किया गया। इसकी खबर लगते हो शिक्षा विभाग,मित्रों एवं रिश्तेदारों द्वारा ओम प्रकाश श्रीवास्तव को लगातार बधाई संदेश प्राप्त हो रहे हैं।

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