अनुराग लक्ष्य, 27 सितंबर ।
आमद ए मुस्तफा, मरहबा, मरहबा, समस्त देश वासियों को ईद मीलादून नबी की दिली मुबारकबाद । आज पूरी दुनिया सरकार ए मदीना मुस्तफा जान ए रहमत की यौम ए वेलादत के मौके पर अपनी अपनी खुशी का इज़हार अपने अपने अंदाज़ में कर रही है। इस शुभ अवसर पर मैं सलीम बस्तवी अज़ीज़ी सरकार की आमद पर कुछ अकीदत के फूल पेश कर रहा हूं। आपकी मुहब्बतों और समा अतों के हवाले पेश हैं कुछ नातिया कलाम,
ऐ खुदा आज की शब लाल ओ गोहर हो जाए
ख्वाहिश ए दिल है कि तैबा का सफर हो जाए
है तमन्ना यही ज़िंदा हैं जो तारीकी में
ऐसे इंसानों की दुनिया में सहर हो जाए,,,,,,,
ज़र्रे ज़र्रे में तेरा मुझको नूर दिखता है
हर तरफ़ तेरा ही मुझको ज़हूर दिखता है
कौन है जिसको तेरे मय की नहीं है ख्वाहिश
इसलिए मुझमें भी थोड़ा सुरूर दिखता है,,,,,
आओ फिर इश्क ए मुहम्मद में चलो बह जाएं
इस ज़माने के हर एक दर्द चलो सह जाएं
आरज़ू हो कोई दिल में तो फकत यह रक्खो
जाएं तैबा जो कभी, जाके वहीं रह जाएं,,,,,,,
,,,,,,,,, सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,,,,,