जीवन से लुप्त हुए वैदिक संस्कारों को पुनः स्थापित करना चाहता है आर्य समाज -ओम प्रकाश आर्य

ईश्वर को सर्वव्यापक मानने, त्यागपूर्वक भोग करने तथा लोभमुक्त होकर हम तनावमुक्त शांतियुक्त जीवन जीने का संदेश हमे देता है यजुर्वेद यह उपदेश आचार्य बृजेश ने आर्य समाज नई बाजार बस्ती द्वारा नई कलोनी करुवा बाबा बस्ती में आयोजित श्रावणी उपकर्म एवं वेद प्रचार उत्सव में कहीं। इस अवसर पर अनीता राजेन्द्र और दिलीप कसौधन मुख्य यजमान रहे। यज्ञ कराते हुए आचार्य ने बताया कि आज हम भौतिक साधनों को साध्य मानकर उसमें लिप्त हो रहे हैं जो निरंतर हमारे मन को कमजोर और शरीर को पुरुषार्थ हीन बना रहा है। वेद हमें त्यागपूर्वक भोग की आज्ञा देते हैं। ईश्वर को सर्वव्यापक मानने से हम अपराध व दुर्गुण दुर्व्यसनों से बच सकते हैं। इस अवसर पर पंडित राम मगन ने बताया कि सुखी जीवन के लिए पुरुषार्थ करना अति आवश्यक है क्योंकि ब्रह्मचर्य, वानप्रस्थ और सन्यास ये तीनों आश्रम गृहस्थ आश्रम पर ही आश्रित हैं इसलिए गृहस्थ को परम पुरुषार्थी व इश्वरभक्त होना चाहिए जिससे वह त्यागपूर्ण जीवन जीता हुआ अन्य आश्रमों को संभाल सके। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि आर्य समाज लोगों के जीवन से लुप्त हुए वैदिक संस्कारों को पुनः स्थापित करना चाहता है इसलिए निरन्तर प्रयास करते हुए वेद प्रचार और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामकृष्ण जायसवाल, स्नेह सेठी, अरविन्द साहू, शोभा आर्य, राजेश बरनवाल, राजदेव, रंजना, रश्मि, कंचनलता आर्य, रजनी आर्य, विवेक आर्य, गौरव, सुभाष चन्द्र आर्य, ओमकार आर्य, विनोद शुक्ल, देवर्षि, चंद्रप्रकाश चौधरी, संतोष पाण्डेय सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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